
पुलिस और बजरी माफिया में हिंसक झड़प,एक की मौत, गुस्साए लोगों ने पुलिस की किराए पर ली गई बोलेरो गाड़ी को लगाई आग
सवाई माधोपुर । सवाई माधोपुर जिले के चौथ का बरवाड़ा थाना क्षेत्र में विगत 15 मई 2025 की रात को डिडायच बनास रपट के समीप अवैध बजरी खनन को रोकने गई पुलिस पर बजरी माफियाओं ने आत्मघाती हमला बोल दिया। इस दौरान दोनों के बीच हिंसक झड़प हुई। हुआ यूं कि पुलिस अवैध बजरी खनन रोकने के लिए बनास नदी के पास पहुंची थी। इस दौरान माफियाओं और पुलिस के बीच जमकर संघर्ष हुआ। पुलिस की कार्रवाई के दौरान एक ट्रैक्टर चालक, सुरज्ञान मीणा (इंद्रगढ़ निवासी), की मौत हो गई। कुछ स्रोतों के अनुसार, पुलिस के डंडों से चोट लगने से उसकी मौत हुई, हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि होना अभी बाकी है। इसके बाद हालात और बिगड़ गए। गुस्साए बजरी माफियाओं ने पुलिस टीम पर प्राणघातक हमला बोल दिया और लगे हाथ डीएसपी लाभूराम विश्नोई की निजी बोलेरो गाड़ी को भी आग लगा दी। डीएसपी ने अपनी सरकारी गाड़ी सूरवाल थाने में छोड़कर निजी वाहन से छापेमारी की थी। हमले के बाद पुलिसकर्मियों को बनास नदी में छिपकर जान बचानी पड़ी। उधर सुरज्ञान मीणा की मौत के बाद स्थानीय ग्रामीणों और परिजनों में भी आक्रोश पनप गया। जिसके चलते उन्होंने जयपुर-सवाई माधोपुर मार्ग को जाम लगा के अवरूद्ध कर दिया, जिसे बाद में पुलिस ने बड़ी मुश्किल से हटवाया। इसी बीच ग्रामीणों ने पुलिस पर बजरी माफियाओं को संरक्षण देने के आरोप भी लगाए।
चौथ का बरवाड़ा थानाधिकारी सुमन कुमार ने पुष्टि की कि एक निजी गाड़ी जलाए जाने और एक व्यक्ति की मौत की घटना हुई है। पुलिस अधिकारी रातभर मौके पर डटे रहे, और शव को जिला अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया गया। कांग्रेस के पूर्व उपमुख्यमंत्री व वरिष्ठ नेता सचिन पायलट और नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने इस घटना को बीजेपी सरकार की लचर कानून व्यवस्था का परिणाम बताया है। उन्होंने सरकार की शह परमाफियाओं के हौसले बुलंद होने की बात कही।
पृष्ठभूमि: सवाई माधोपुर में अवैध बजरी खनन लंबे समय से समस्या है। पहले भी खंडार और अन्य क्षेत्रों में माफियाओं और प्रशासन के बीच टकराव की खबरें आ चुकी हैं। इस घटना ने क्षेत्र में माफिया गतिविधियों और पुलिस की कार्रवाई पर सवाल खड़े किए हैं।
वर्तमान स्थिति: पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित कर लिया है, लेकिन घटना की जांच जारी है। मृतक के पोस्टमार्टम और पुलिस की कार्रवाई पर ग्रामीण नजर बनाए हुए हैं है। आधिकारिक बयान और जांच के निष्कर्षों का सभी को इंतजार है।