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राजस्थान ग्रामीण पर्यटन नीति का उद्देश्य पर्यटन इकाइयों की स्थापना करके ग्रामीण क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ावा देना, स्थानीय लोक कला और हस्तशिल्प को बढ़ावा देना और स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा करना है। नीति में ग्रामीण पर्यटन इकाइयों की स्थापना के लिए स्टांप ड्यूटी से छूट, एसजीएसटी की प्रतिपूर्ति, रियायती ऋण और आसान नियमों सहित विभिन्न लाभ प्रदान किए गए हैं।

राजस्थान ग्रामीण पर्यटन नीति का उद्देश्य पर्यटन इकाइयों की स्थापना करके ग्रामीण क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ावा देना, स्थानीय लोक कला और हस्तशिल्प को बढ़ावा देना और स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा करना है। नीति में ग्रामीण पर्यटन इकाइयों की स्थापना के लिए स्टांप ड्यूटी से छूट, एसजीएसटी की प्रतिपूर्ति, रियायती ऋण और आसान नियमों सहित विभिन्न लाभ प्रदान किए गए हैं।
राजस्थान ग्रामीण पर्यटन नीति की मुख्य विशेषताएं:
पर्यटन इकाइयों की स्थापना:
यह नीति भूमि उपयोग में परिवर्तन किए बिना कृषि भूमि पर कृषि-पर्यटन इकाइयों, कारवां पार्कों, कैम्पिंग स्थलों और अतिथि गृहों सहित ग्रामीण पर्यटन इकाइयों की स्थापना को प्रोत्साहित करती है।
लाभ और प्रोत्साहन:
स्टाम्प ड्यूटी छूट: नई पर्यटन इकाइयों के लिए स्टाम्प शुल्क से छूट।
एसजीएसटी प्रतिपूर्ति: 10 वर्षों तक देय एसजीएसटी की 100% प्रतिपूर्ति।
सब्सिडीकृत ऋण: "मुख्यमंत्री लघु उद्योग प्रोत्साहन योजना" के अंतर्गत ऋण पर 9% ब्याज अनुदान।
आसान नियम: भूमि परिवर्तन या भवन योजना अनुमोदन की कोई आवश्यकता नहीं।
स्थानीय संस्कृति और कला को बढ़ावा देना:
नीति का उद्देश्य स्थानीय लोक कला और हस्तशिल्प को बढ़ावा देना तथा स्थानीय कलाकारों और ग्रामीण स्टार्टअप्स को अवसर प्रदान करना है।
रोजगार के अवसर:
इस नीति का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा करना है।
स्वदेश दर्शन योजना:
पर्यटन मंत्रालय ने स्वदेश दर्शन योजना के तहत ग्रामीण सर्किट को एक विषयगत सर्किट के रूप में चिन्हित किया है, हालांकि इस सर्किट के तहत राजस्थान को कोई परियोजना स्वीकृत नहीं की गई।
अतिरिक्त विवरण:
पर्यटन इकाइयों के लिए भूमि बैंक:
सरकार पर्यटन इकाइयों के लिए उपयुक्त सरकारी भूमि की पहचान कर उसे आरक्षित करेगी तथा इसकी जानकारी जनता को उपलब्ध कराएगी।
पर्यटन सुविधा क्षेत्र:
प्राधिकरण मास्टर प्लान/क्षेत्रीय विकास योजनाओं में पर्यटन सुविधा क्षेत्रों के लिए 5% तक भूमि निर्धारित करेंगे।
निवेश प्रोत्साहन:
पर्यटन इकाइयाँ न्यूनतम रु. तीन वर्षों में 100 करोड़ रुपये से अधिक की आय वाले किसानों को सरकारी भूमि आवंटित की जा सकेगी।
भूमि आवंटन:
किसी पर्यटन इकाई के समीपवर्ती या उसके अंतर्गत आने वाली सरकारी भूमि को कृषि या आवासीय डी.एल.सी. के तहत आवंटित किया जा सकता है, जिसकी सीमा पर्यटन इकाई की स्वामित्व भूमि के 10% तक होगी।
राजस्थान पर्यटन वेबसाइट पर नीति और इसके कार्यान्वयन के बारे में अधिक विस्तृत जानकारी उपलब्ध है, जिसमें परिपत्र और नीतियां भी शामिल हैं।

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