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मनरेगा में मशीनों से काम:पंचायत में मनरेगा के काम जेसीबी से कराए, अफसर बने अनजान, नहीं हो रही कार्रवाई ।


पलायन करके वापस लौटने वाले मजदूरों काे नहीं मिल रहा काम।

सिंगरौली: जनपद पंचायत देवसर अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत कठदहा में सरपंच सचिव और रोजगार सहायक की मिलीभगत से मनरेगा योजना के कार्यों को मजदूरों से कार्य ना कराकर मनमाने तरीके से जेसीबी मशीनों से किया गया। जिस पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। ग्राम पंचायत के मजदूरों को ग्राम में ही मजदूरी कर अपने परिवार का भरण पोषण कर सकें। इसके लिए शासन मनरेगा योजना से ढेरों योजनाएं ग्राम पंचायत में संचालित कर रही है, लेकिन यहां पर मशीनों से कार्य कराया गया। मजदूरों को काम न देकर मशीनों से रातों रात काम को पूरा कर लिया गया।‌

इसके बाद पोर्टल पर मजदूरों को ऑनलाइन दर्शा दिया जाता है। बल्कि मौके पर एक भी मजदूर संघ काम नहीं करता है। यह स्थिति कई ग्राम पंचायतों की बनी हुई है। जिस पर किसी प्रकार की जांच नहीं की जा रही है। ऐसे में पंचायत कर्मचारियों के हौसले बुलंद हैं और मनरेगा के कार्यों में मशीनों से कार्य कराकर फर्जी जाॅब कार्ड में मजदूरी डालकर राशि का आहरण कर लिया जाता है।

मनचाहे खातों में राशि डलवाकर ग्रामीणों से निकलवाते हैं और कर लेते हैं बंदर बाट ग्राम पंचायत कठदहा के नाला बंधान कार्य याेजना के हितग्राही मोतिलाल बैंगा, राजकुमार, मिथिलेश कुमार आदि ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि उनके कार्य स्वीकृत होने के बाद उन्हें यह पता ही नहीं कि उनके नाला बंधान कार्य कब निर्माण कार्य होगा।

ग्राम रोजगार सहायक से मजदूरों की डिमांड डालने की बात कही जाती है तो वह टाल देते हैं और अपनी मनमर्जी से अपने मनचाहे मजदूरों के खातों में मजदूरी डाल देते हैं। फिर राशि को निकाल कर बंदरबांट कर लिया जाता है।

मनरेगा के कामों की नहीं की जा है रही जांच ग्राम पंचायत में मजदूरों को मजदूरी न मिल पाने से अपने परिवार का भरण पोषण नहीं कर पा रहे हैं और ग्राम पंचायत के द्वारा उन्हें मजदूरी नहीं दी जा रही है। साथ ही ग्राम पंचायत के द्वारा फर्जी तरीके से मस्टरोल डालकर शासन की राशि का बंदरबांट किया जा रहा है। ऐसे में इन मामलों की जांच तक नहीं की जा रही है। जिसमें कहां पर कितने मजदूरों ने काम किया है।

पंचायत सचिव

क्यों : बाहर से लौटने वाले मजदूरों को गांव में काम मिल जाए तो उन्हें परेशान नहीं होना पड़ेगा। भारत-पाकिस्तान युद्ध के चलते मजदूर अधिकतर अपने गांव लौट रहे हैं। उन्हें महानगरों में रहना मुश्किल दिखाई दे रहा है। अगर उन्हें अपने ही गांव काम मिले तो मजदूरी के लिए बाहर नहीं जाएंगे। मनरेगा में फर्जीवाड़े के चलते मजदूरों को काम नहीं मिल पा रहा है।

ग्राम पंचायत के मजदूरों की व्यवस्थाओं में लगा हुआ हूं। सरपंच तथा ग्राम रोजगार सहायक के द्वारा मिली भगत कर मशीन से कार्य कराया जा रहा है तो उस संबंध में कोई जानकारी नहीं है। इस मामले की शिकायत की जाएगी। - अभिषेक विश्वकर्मा, उपन्यांत्री, अशोक सिंह पंचायत रोजगार सचिव।

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