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उत्तराखंड में टूटा राजस्व वसूली का रिकॉर्ड, पारदर्शिता, सरलीकरण और अवैध खनन पर सख्ती को बनाया हथियार

उत्तराखंड खनन विभाग ने वर्ष 2024-25 में एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है
👉विभाग ने 1100 करोड़ रुपए से अधिक का राजस्व अर्जित किया है, जो कि इस वर्ष के लिए निर्धारित ₹875 करोड़ के लक्ष्य से कहीं अधिक है।
👉यह अभूतपूर्व सफलता मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व कौशल और खनन निदेशक राजपाल लेघा की पारदर्शिता, नीतिगत सरलीकरण और अवैध खनन पर प्रभावी रोक की निर्णायक भूमिका को दिया जा रहा है।
शासन द्वारा राजपाल लेघा को एक जुलाई 2024 को उत्तराखंड के खनन निदेशक का पदभार ग्रहण दिया था।
👉इससे पहले पूर्व निदेशक एसएल पैट्रिक के निलंबन के बाद एक मई 2024 को उन्हें प्रभारी निदेशक नियुक्त किया गया था उनके कार्यभार से पहले खनन से 500 करोड़ राजस्व भी बमुश्किल प्राप्त होता था। कार्यभार संभालते ही लेघा ने कर्मचारियों के साथ बैठक कर कई निर्णय लिए, जिनका उद्देश्य राज्य हित में कठोर निर्णय लेकर खनन को उचित दिशा में ले जाना था
👉मुख्यमंत्री के दिशा निर्देश पर खनन विभाग ने विभाग की पारदर्शी नीतियों, ई-नीलामी प्रणाली, सरलीकरण और अवैध खनन पर सख्त कार्रवाई के परिणामस्वरूप 2024-25 के करीब 1100 करोड़ रुपए का रिकॉर्ड राजस्व प्राप्त किया जा सका। इसके अलावा इंफोर्समेंट सेल और ज़िला स्तरीय निगरानी इकाइयों के जरिए पिछले 5 वर्षों में अवैध खनन से ₹74.22 करोड़ की वसूली की गई है✍️

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