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नर्सिंग सेवा एक पेशा नहीं बल्कि मानवता की सच्ची साधना है डाक्टर डीसी तिवारी

शाहगंज, जौनपुर। नगर के अयोध्या मार्ग स्थित आर. के. इंस्टीट्यूट ऑफ पैरामेडिकल साइंसेज़ में अंतर्राष्ट्रीय नर्सिंग दिवस बड़े ही हर्षोल्लास और गरिमामय वातावरण में मनाया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रसिद्ध नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. डी.सी. तिवारी रहे। उन्होंने अपने प्रेरणादायक उद्बोधन में नर्सिंग विद्यार्थियों से कहा कि “नर्सिंग केवल एक पेशा नहीं, बल्कि यह करुणा, सेवा और समर्पण की जीवंत मिसाल है। आप सभी ने जो नर्सिंग शपथ ली है, उसका अक्षरशः पालन करें और अपने जीवन को मानव सेवा के लिए समर्पित करें। यही सच्चे अर्थों में स्वास्थ्य सेवा के प्रति आपकी निष्ठा का प्रमाण होगा।”

उन्होंने यह भी कहा कि नर्सें किसी भी स्वास्थ्य व्यवस्था की रीढ़ होती हैं। रोगी को न सिर्फ दवाइयों की, बल्कि संवेदनशील देखभाल की भी आवश्यकता होती है, जो एक प्रशिक्षित और संवेदनशील नर्स ही प्रदान कर सकती है। “आपके हाथों में किसी के जीवन को बेहतर बनाने की शक्ति है,” उन्होंने कहा।

कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्थान के प्रबंधक निदेशक डॉ. जे.पी. दुबे ने की। उन्होंने छात्र-छात्राओं द्वारा प्रस्तुत सांस्कृतिक कार्यक्रमों की सराहना करते हुए कहा कि “हमारा उद्देश्य सिर्फ डिग्री देना नहीं, बल्कि भावी स्वास्थ्य सेवकों को हर दृष्टि से सशक्त बनाना है।” उन्होंने विद्यार्थियों को अपने कर्तव्यों के प्रति सजग रहने और समर्पण भाव से अध्ययन करने की प्रेरणा दी।
आप को बात दे कि अंतरराष्ट्रीय नर्सिंग दिवस हर वर्ष 12 मई को फ्लोरेंस नाइटिंगेल की जयंती पर मनाया जाता है, जो आधुनिक नर्सिंग की संस्थापक मानी जाती हैं

इस अवसर पर संस्थान की अध्यक्ष श्रीमती उषा दुबे, डॉ. सुनील दुबे, डॉ .नीतू दुबे, डॉ. विकास दुबे, डॉ. सुप्रिया दुबे, डॉ.पलवी दुबे, ने अपने महत्वपूर्ण योगदान दे सभी का उत्सव वर्धन किया।

प्रधानाचार्य श्रीजीव कृष्णन कुट्टी ने भी अपने विचार व्यक्त करते हुए नर्सिंग शिक्षा की महत्ता, नैतिक मूल्यों और व्यावसायिक दक्षता पर जोर दिया।

समारोह में छात्राओं द्वारा प्रस्तुत सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने सभी का मन मोह लिया।समारोह में संस्थान के
प्रिंसिपल श्रीजीव कृष्णन कुट्टी ,संकाय, डॉ. एस .पी. अस्थाना,
डॉ. विपिन यादव,डॉ.वसीम अहमद
श्रीमती मंजूषा, टी. आई. एफ.
आशीष, श्रीमती गीता,सुश्री प्रियंका
, सुश्री लक्ष्मी,सुश्री रचना, सुश्री उमा बिंद ने सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
छात्र-छात्राएं एवं स्टाफ ने अपनी सक्रिय भागीदारी निभाई।

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