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सेवा, साहस और करुणा का उत्सव: सीतापुर में हर्षोल्लास से मनाया अंतर्राष्ट्रीय नर्स दिवस

सीतापुर | छत्तीसगढ़ | आज 12 मई 2025 "सेवा, साहस और करुणा का उत्सव: सीतापुर में हर्षोल्लास से मना अंतर्राष्ट्रीय नर्स दिवस
- समर्पण और त्याग नर्सों की भूमिका को बनाता है महान
- स्वास्थ्य विभाग और अज़ीम प्रेमजी फाउंडेशन के सहयोग से मनाया गया अंतर्राष्ट्रीय नर्स दिवस
- 12 मई को दुनिया भर में मनाया जाता है अंतर्राष्ट्रीय नर्स दिवस
अज़ीम प्रेमजी फाउंडेशन ऑफिस-सीतापुर में स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से अंतर्राष्ट्रीय नर्स दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। कार्यक्रम में चिकित्सा अधिकारी सन्योगिंता पैंकरा, बीपीएम दिलीप चंद्रा मौजूद रहें। कार्यक्रम के शुरुआत में फाउंडेशन के साथी ज्ञान विकास ने पूरे कार्यक्रम की प्रस्तावना को प्रस्तुत करते हुए अज़ीम प्रेमजी फाउंडेशन का परिचय एवं स्वास्थ कार्य को रखा । कार्यक्रम में पीएचसी-गुतूरमा , भूसु, ढोंढागाँव और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सीतापुर की कर्मी उपस्थित थें। इस साल की थीम हमारी नर्सें। हमारा भविष्य। नर्सों की देखभाल से अर्थव्यवस्था मजबूत होती है " विषय पर चर्चा हुई। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए चिकित्सा अधिकारी सन्योगिंता पैंकरा ने अपने क्षेत्र में नर्सों के कार्यों को सराहते हुए कहा कि नर्स, सेवा-भाव के लिए जानी जाती हैं। नर्सों ने न केवल मरीजों की देखभाल में अपना सर्वोच्च योगदान दिया है, बल्कि कठिन समय में समाज में आशा, विश्वास और सकारात्मकता का संचार भी किया है। उनकी भूमिका अस्पताल की दीवारों तक सीमित नहीं रही; वे हर मोर्चे पर अग्रिम पंक्ति में खड़ी रहीं—चाहे टीकाकरण अभियान हों, मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवाएँ हों या सामुदायिक जागरूकता कार्यक्रम।
बीपीएम दिलीप चंद्रा ने कहा की देश की स्वास्थ्य व्यवस्था की रीढ़ मानी जाने वाली नर्सों ने हर संकट और कठिनाई की घड़ी में अपनी उत्कृष्ट पहचान को मजबूती से स्थापित किया है। चाहे वैश्विक महामारी का समय रहा हो, प्राकृतिक आपदाएँ रही हों या सुदूर ग्रामीण एवं आदिवासी इलाकों की स्वास्थ्य चुनौतियाँ—हर परिस्थिति में नर्सों ने अपने सेवा, साहस और करुणा से मानवता का चेहरा उजागर किया है।
कार्यक्रम में अज़ीम प्रेमजी फ़ाउंडेशन से राहुल अपनी बात रखते हुए कहा कि :
"नर्सें केवल रोगों का उपचार नहीं करतीं, वे जीवन में आशा का संचार करती हैं और समाज की धड़कनों को जीवित रखती हैं। उनका मौन योगदान अतुलनीय और अमूल्य है, जिसे शब्दों में बाँध पाना कठिन है," ।
इस अवसर पर कई नर्सों ने अपने जीवन के अनुभव को साझा किया। तत्पश्चात सभी नर्सों ने केक काटकर इस दिवस का उत्सव मनाया। सभी एक दूसरों को बधाइयाँ भी दी। कार्यक्रम में खेल का आयोजन भी किया गया था। जिसमें सभी लोगों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। उल्लेखनीय है कि यह दिन आधुनिक नर्सिंग की संस्थापक फ्लोरेंस नाइटिंगेल की जयंती को मान्यता देता है, और इसका उद्देश्य वैश्विक स्तर पर नर्सों की स्वीकृति, समर्थन और समावेश को प्रोत्साहित करते हुए अर्थव्यवस्था, समाज और संस्कृति पर पेशे के प्रभाव को मान्यता देना है। इस अवसर पर मितानीन कार्यक्रम से ब्लॉक कॉर्डिनटोर, मितनीनं ट्रैनर्स, एस. पी. एस, आदि लोग उपस्थित रहें। कार्यक्रम के आयोजन में अज़ीम प्रेमजी फ़ाउंडेशन से गौरव, यजत एवं पूजा ने अपनी महतूपूर्ण भूमिका प्रदान किया।
रिपोर्टर सूरजभान गुप्ता
भारत न्यूज़ 24
मो न.6267027638

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