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होवत हे खेमपाल के बिहाव, जेकर मल्दा मेर जमडी हे गाव। स्वामीकार्तिक बबा के नाव, स्व पहरमती ल झन भुल जाव। ददा फूलचंद दाई बेदीन बाई, चला बरात जाबो सब भाई।

रामसागर कश्यप छत्तीसगढ़िया

होवत हे खेमपाल के बिहाव,
जेकर मल्दा मेर जमडी हे गाव।
स्वामीकार्तिक बबा के नाव,
स्व पहरमती ल झन भुल जाव।
ददा फूलचंद दाई बेदीन बाई,
चला बरात जाबो सब भाई।

हमर रामपाल के भईया,
हमु बरात हन जवयीया।
चला हमर छत्तीसगढ़िया मन,
मिल लुल के जाबो सब जन।
सबों ल बधाई दे के नाचबो,
हो जाबो बरतीया के संग।

चलव हमर सलखन बरात,
होही छत्तीसगढ़िया के गोठ बात।
दुलौरिन अंजना के संग,
बने हावय नावा सम्बन्ध।
बबा जानकी बुडी दाई बालमति,
जेकर ददा फिरतराम दाई त्रिवेणी बाई।

जेकर बरात जाबो गाडा म,
हमर परंपरा ल बगराबो।
कुल मुल बुढ़ादेवता म,
मया पिरा के फुल चढालो।
टिका माटी के माथा म,
लगा के बरात निकल जाबो।

पुरखा देवता ल मना के भयीया,
सुघर बिहाव कर आबो।
सुवा ददरिया गडवा बाजा के,
डंडा राउत के चमकाबो।
पंथी कुई डंडा सबों नाचा नवाबों,
उजियारा सलखन म कर जाबो।

बरा फिर के जब हमन आएन,
तियारी बरती बर कर जाबो।
हमर बहीनी दिव्या के बिहाव,
होना हे हमर जमडी गाँव।
ले के हमर दमाद के नाव,
नरेंद्र के ददा सम्मेलाल हे।

दाई शकुन्तला सर्वा हे गाव,
बलौदाबाजार जिला म।
कटगी मेर हे भाई ए गाव,
हमर दुलोरिन दिव्या बेटी।
राखही सबो ल खुशी,
कोनोल नयी देख सकय दुखी।

बधाई खेमपाल अंजना ल,
बधाई दिव्या नरेंद्र ल देवत हव।
सुघ्घर बिहाव रहय परिवार के छाव,
लिही सियान मनके नाव।
रथे तुहर मनके छाव,
सागर अपन ले कहीं सुनाव।

रामसागर कश्यप छत्तीसगढ़िया
गाव अमोरा सेमरा नवागढ
जिला जांजगीर

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