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टिहरी के चम्बा कैम्पस में दो दिवसीय व्याख्यान श्रृंखला सम्पन्न, जल जैव विविधता और शीत जल मत्स्य पालन पर हुआ संवाद

एच.एन.बी. गढ़वाल विश्वविद्यालय के जन्तु विज्ञान विभाग द्वारा आयोजित कार्यक्रम में वैज्ञानिक नवाचार, रोजगार के अवसर और उद्यमिता कौशल विकास पर हुआ मंथन


टिहरी, केदार सिंह चौहान 'प्रवर'। एच.एन.बी. गढ़वाल विश्वविद्यालय, एस.आर.टी. कैम्पस चम्बा के जन्तु विज्ञान विभाग द्वारा आयोजित दो दिवसीय व्याख्यान श्रृंखला का आयोजन भव्य रूप से सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम में प्रो. (डॉ.) डब्ल्यू.एस. लाकरा मुख्य वक्ता रहे, जबकि मुख्य विकास अधिकारी, टिहरी गढ़वाल डॉ. अभिषेक त्रिपाठी विशेष अतिथि के रूप में शामिल हुए।

इस शैक्षणिक श्रृंखला का उद्देश्य जीवन विज्ञान के परास्नातक और शोधार्थी छात्रों को उन्नत वैज्ञानिक विषयों से परिचित कराना और उन्हें अग्रणी वैज्ञानिकों के साथ संवाद का अवसर देना था। कार्यक्रम के संयोजक प्रो. एन.के. अग्रवाल ने बताया कि विभाग का लक्ष्य छात्रों को व्यावहारिक, नवाचार-आधारित और सैद्धांतिक ज्ञान से समृद्ध करना है।

मुख्य वक्ता प्रो. लाकरा ने जल जैव विविधता प्रबंधन, जलकृषि में जैव प्रौद्योगिकी के नवाचार, इनलैंड और शीत जल मत्स्य पालन में हो रहे नवीनतम विकास जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर गहन व्याख्यान दिए। उन्होंने कहा कि जल संसाधनों का सतत और वैज्ञानिक प्रबंधन ही भविष्य की खाद्य और पर्यावरणीय सुरक्षा की कुंजी है।

मुख्य विकास अधिकारी डॉ. अभिषेक त्रिपाठी ने वैज्ञानिक सोच को विकास योजनाओं से जोड़ते हुए कहा कि मत्स्य पालन, मधुमक्खी पालन और बागवानी जैसे क्षेत्रों में रोजगार की अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने युवाओं को इन क्षेत्रों में भागीदारी बढ़ाने की अपील की।

इस अवसर पर 18 मार्च 2025 को आयोजित क्षेत्रीय प्रशिक्षण कार्यक्रम *‘शीत जल मत्स्य पालन में उद्यमिता कौशल विकास’* में भाग लेने वाले 35 प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र भी वितरित किए गए। प्रशिक्षण का उद्देश्य स्थानीय युवाओं को व्यावहारिक एवं उद्यमिता आधारित कौशल प्रदान कर उन्हें स्वरोजगार के लिए प्रेरित करना था।

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