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बिना दहेज के शादी,कौशल मीणा नें की मीणा समाज,छबड़ा में अनूठी,मिशाल कायम।


छबड़ा:देर से प्राप्त समाचारों के अनुसार,4 मई को,गुगोर ग्राम पंचायत के गणेशपुरा ग्राम निवासी कौशल मीणा S/O पुरण मल मीणा की लग्न का शगुन,चांचौड़ा ग्राम पंचायत के देहरी,ग्राम से आया।लड़की वाले दूल्हे की योग्यता देख,बड़े धूमधाम से लग्न लेकर,गणेशपुरा ग्राम में रविवार को दूल्हे के घर लग्न की रश्म निभाने आये।दुल्हन के पिता और,समधी, समन्धी उस समय आश्चर्य चकित रह गये जब दुल्हे नें वधु पक्ष से आये,लाखों रुपए के दहेज से भरी शगुन की थाली को,वापस लौटा दिया और कहा कि दहेज लेना और देना समाज के लिए एक अभिशाप है।आपने मुझे आपकी लड़की के रूप सब कुछ दे दिया,दहेज का में क्या करूंगा।दहेज को अपशकुन मानते हुए उसे ससम्मान वापस वधु पक्ष को लौटा दिया।मित्र ओमप्रकाश मीणा नें बताया कि पहले से कौशल मीणा,अपने अजीज मित्र चांवल खेड़ी निवासी रामस्वरूप नागर से कह चुके थे,की आपके धाकड़ समाज ओर हमारे मीणा समाज में भी लड़की वाले पर लड़के वाले आर्थिक बोझ डालते देखे जाते है,कई लालची तो दहेज नही मिलने पर शादी के बाद भी रिश्ता तक तोड़ देते है।नागर की प्रेंरणा से प्रेरित होकर,कौशल मीणा नें कहा की,मीणा समाज मे भी आजकल,पढे-लिखे,नोकरी,पैसा प्राप्त बड़े घर के दूल्हे भी बिक रहे है,लेकिन में ऐसा नही करूंगा,मीणा ने मात्र शगुन की थाली मेसे एक सो एक रुपए ऒर नारियल लेकर लग्न स्वीकार किया ओर कहा विवाह एक पवित्र बंधन है इसे मोलभाव कर मेला नही करे,संसार में दो शरीर और एक आत्मा का मिलन ही शुभ विवाह है जो एक नही सात पीढ़ी का बंधन है।विधित हो कौशल मीणा जो स्कूल लेक्चर की तैयारी करते हुए आरएएस प्री परीक्षा पास कर चुके है।कौशल मीणा का परिवार आर्थिक रूप से बड़ा नही लेकिन उनकी सोच बड़ी है।वो महाबली डी.जे.,इवेंट एवं मीणा साउंड एंड लाइट का संचालन कर,कृषि कार्य से अपनी जीविका अर्जित करते है।दस मई को इनका प्राणी ग्रहण संस्कार होगा।कौशल मीणा के निर्णय का छोटा सा वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें मीणा के दहेज रहित शादी के फैसले की मित्र मण्डली सहित सर्व समाज में प्रशंसा हो रही है।दहेज का दानव आज सर्व समाज में लड़की वालों का आर्थिक दिवाला निकाल रहा है जिसके सबूत आज हर जगह दहेज के सामानों से भरे,ट्रेक्टर,ट्रक,गाड़ी,पकड़े के थैले के रूप में,सोने,चांदी के जेवरों के साथ देखे जा सकते है,शादी के बाद कई पिता उधार के पैसे चुकाते-चुकाते स्वर्ग सिधार जाते है। क्या आज हर समाज मे बेटी पैदा करना अभिश्राप बनता जा रहा है।सभी समाजों में दहेज के दानव की वजह से लड़कियां उम्र दराज होकर घर बैठी है,कौशल जैसा कोशल हर युवा में पैदा हो तो सर्व समाज से यह बुराई जड़ से दूर हो सकती है।

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