श्रद्धेय सुरेश बन्छोर वरिष्ठ संरक्षक अन्तर्राष्ट्रीय साहित्यिक मित्र मंडल जबलपुर मध्यप्रदेश के नेतृत्व में भव्य काव्य गोष्ठी संपन्न हुई।
अंतर्राष्ट्रीय साहित्यिक मित्र मंडल,जबलपुर म.प्र. से भव्य काव्य सम्मेलन।
मुख्य अतिथि सुरेश बन्छोर जी के सौजन्य से दिनांक 08 मई 2025 दिन गुरुवार अन्तर्राष्ट्रीय साहित्यिक मित्र मंडल जबलपुर ,मध्यप्रदेश के समूह 1,2,3,4,5 की काव्य गोष्ठी हर्षोल्लास से संपन्न हुई जिसमें विभिन्न प्रदेशों के साहित्यकारों ने अपनी प्रस्तुति देकर कार्यक्रम को भव्य और दिव्य स्वरूप प्रदान किया।विषय "शोषण विकास हेतु इस क़दर क्यों भाता ?"आधारित काव्यात्मक अभिव्यक्ति की प्रशंसा करती हुई संस्था सचिव तमन्ना गोयल जी ने बताया कि भारत की समृद्ध साहित्यिक विरासत के संरक्षण व संवर्धन हेतु ऐसे वृहत साहित्यिक मंच की भूमिका महत्वपूर्ण हो जाती है जिससे रचनाकारों की अभिव्यक्ति सामने आती है व साहित्यिक ज्ञान बढ़ता है।काव्य गोष्ठी का कार्यक्रम ठीक चार बजे संध्याकाल से शुरू होकर रात 08:20 रात्रि तक अनवरत चलता रहा ।कार्यक्रम इतना रोचक था कि कोई भी प्रतिभागी मंच छोड़कर नहीं गया। इस कार्यक्रम की मुख्य वक्ता चन्द्रकला शर्मा,विशिष्ट अतिथि कुसुम रानी सिंघल,मुख्य अतिथि सुरेश बन्छोर व अध्यक्षा सिपाली गुप्ता जी थीं । इस सुंदर कार्यक्रम का आयोजन सम्मानित पटल के संस्थापक विनय पान्डेय जी के द्वारा किया गया जिसमें डॉ॰ कवि कुमार निर्मल , मनु पान्डेय का सहयोग पूर्ण रूप से रहा।कार्यक्रम की शुरुआत माँ वीणापाणि की सुंदर वंदना से हुई। सरस्वती वंदना पुष्पा निर्मल जी द्वारा प्रस्तुत की गई । सभी साहित्यकारों का काव्य पाठ अति सुंदर व मनभावन रहा। आशा गुप्ता, मेघा अग्रवाल, मिताली श्रीवास्तव वर्मा, अनिता बाजपाई एवं कीर्ति यादव जी का संचालन सरस एवं सुरेश बन्छोर जी एवं चन्द्रकला शर्मा जी व सिपाली गुप्ता जी की समीक्षा मन को प्रसन्न कर गई। उपरोक्त कवि सम्मेलन में निम्नलिखित सदस्यों ने काव्य पाठ किया है- गायत्री ठाकुर सक्षम,डॉ रमेश कुमार निर्मेष,डॉ कवि कुमार निर्मल,पुष्पा निर्मल,डॉ सुमन मेहरोत्रा,कुसुम अशोक सुराणा,उषा सूद मुम्बई,सुषमा सिंह उर्मी,डॉ राजकुमारी वी अग्रवाल,कविता चौधरी,अमिता मराठे,डॉ अर्चना पंडित,वत्सला स अ बहरामपुर,पुष्पांजलि देवी,डॉ महेश मुनका मुदित,डॉ हस्तीमल आर्य हस्ती,उत्तरा शर्मा,सुखनन्दन प्रजापति सुख,डॉ मधुकर राव लारोकर मधुर,इंदु उपाध्याय,डॉ राम अवतार शर्मा राम,जुगल किशोर त्रिपाठी,सविता शर्मा,डॉ अंजली सामंत,रश्मि वर्मा,नीलम शर्मा कुरुक्षेत्र,राजीव लोचन कश्यप,लक्ष्मी डहरिया,संतोषी डनसेना रुही,डॉ अनुपम भारद्वाज मिश्रा,ममता गुरुपंच,राजकिरण मिश्रा,शशिकला पाण्डेय,डॉ राजेश कुमार जैन कविता मोटवानी,डॉ मुरली मनोहर भट्ट,रश्मि अग्रवाल बिलासपुर,डॉ शरद कुमार शर्मा सबलगढ़,सुशीला चनानी कोलकाता,अपराजिता राजोरिया,डॉ शशिकला अवस्थी,डॉ रुपाली गर्ग नारी स्वर,डॉ ओमप्रकाश द्विवेदी ओम,नन्दलाल मणि त्रिपाठी,डॉ उषा अग्रवाल जलकिरण,शोभा प्रसाद,मधुलिका तिवारी गुड़गांव,मधु स्वामी गाजियाबाद,जी विजयमेरी,अनिता शरद झा,रेनू बाला सिंह,डॉ मीना कुमारी परिहार,सीमा मुकुंद अग्रवाल,डॉ प्रतिभा गर्ग सिंगापुर,डॉ संजीदा खानम शाहीन,प्रणीता प्रभात,अविनाश खरे,डॉ सुनीता पंद्रो,मंजूषा दुग्गल,आशीष अम्बर,चन्द्रकला शर्मा,कुसुम रानी सिंघल,सुरेश बन्छोर,सिपाली गुप्ता,आभा गुप्ता, मेघा अग्रवाल, मिताली श्रीवास्तव वर्मा,अनिता बाजपाई,कीर्ति यादव जी।सभी की मनभावन प्रस्तुति से कार्यक्रम सुंदर रहा।मैं पूरी टीम को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ देता हूँ। सभी प्रतिभागियों ने आज के काव्य पाठ विषय "शोषण विकास हेतु इस क़दर क्यों भाता? "पर कविता, गजल व गीत के माध्यम से अपनी भावपूर्ण प्रस्तुति दी।काव्य पाठ करते समय सभी सुधिजनों ने मानो समय को बाँध दिया।स्वरचित रचनाओं के माध्यम से सभी ने अपने-अपने दर्द को स्वरों में ढाल कर बयाँ किया और अपने मन को दर्द मुक्त किया।विवेक पाण्डेय जी की आयोजक के रूप में भूमिका सराहनीय रही।