logo

भारत सरकार के गृह मंत्रालय ने 7 मई 2025 को देशभर में एक व्यापक नागरिक सुरक्षा (सिविल डिफेंस) मॉक ड्रिल आयोजित करने के निर्देश दिए हैं। इसका उद्देश्य नागरिकों को युद्ध या आपातकालीन परिस्थितियों में सुरक्षा उपायों के प्रति जागरूक करना और तैयार करना है।

मॉक ड्रिल का उद्देश्य और पृष्ठभूमि

यह मॉक ड्रिल जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के मद्देनजर आयोजित की जा रही है। इसका मुख्य उद्देश्य नागरिकों को हवाई हमलों, ब्लैकआउट, और अन्य आपातकालीन स्थितियों में उचित प्रतिक्रिया देने के लिए प्रशिक्षित करना है। इस अभ्यास में सायरन बजाना, ब्लैकआउट की स्थिति बनाना, और नागरिकों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने जैसी गतिविधियाँ शामिल होंगी।

उत्तर प्रदेश में मॉक ड्रिल की तैयारी

उत्तर प्रदेश में 19 जिलों को इस मॉक ड्रिल के लिए चुना गया है। इनमें लखनऊ, कानपुर, आगरा, गोरखपुर, वाराणसी, मेरठ, प्रयागराज, मथुरा, गाजियाबाद, झांसी, सहारनपुर, बरेली, मुरादाबाद, बागपत, मुजफ्फरनगर, और अन्य शामिल हैं। इन जिलों को उनकी संवेदनशीलता के आधार पर तीन श्रेणियों—A, B, और C—में वर्गीकृत किया गया है।

लखनऊ में मॉक ड्रिल का अभ्यास

लखनऊ में पुलिस लाइंस में मॉक ड्रिल का अभ्यास किया गया, जिसमें सायरन बजते ही लोग जमीन पर लेट गए और हाथों से अपने कान बंद कर लिए। इस अभ्यास में यह सिखाया गया कि हवाई हमले या विस्फोट की स्थिति में कैसे प्रतिक्रिया देनी चाहिए, घायलों को कैसे सुरक्षित स्थान पर ले जाना चाहिए, और आग लगने की स्थिति में कैसे उसे बुझाना चाहिए।

अन्य राज्यों में मॉक ड्रिल

गुजरात, झारखंड, हरियाणा, और बिहार सहित कई राज्यों में भी मॉक ड्रिल आयोजित की जाएगी। गुजरात के 19 शहरों, झारखंड के 6 शहरों, और हरियाणा के 11 जिलों में यह अभ्यास किया जाएगा। इन अभ्यासों का उद्देश्य नागरिकों को आपातकालीन स्थितियों में उचित प्रतिक्रिया देने के लिए प्रशिक्षित करना है।

नागरिकों के लिए सुझाव

सायरन की आवाज सुनते ही तुरंत सुरक्षित स्थान पर जाएं।

ब्लैकआउट की स्थिति में सभी लाइटें बंद कर दें और खिड़कियों को ढक दें ताकि रोशनी बाहर न जाए।

आपातकालीन किट तैयार रखें, जिसमें टॉर्च, मोमबत्तियाँ, प्राथमिक चिकित्सा सामग्री, और आवश्यक दवाइयाँ शामिल हों।

नकद राशि और आवश्यक दस्तावेज सुरक्षित स्थान पर रखें, क्योंकि आपात स्थिति में डिजिटल लेन-देन प्रभावित हो सकते हैं।


यह मॉक ड्रिल 1971 के भारत-पाक युद्ध के बाद पहली बार इतने बड़े पैमाने पर आयोजित की जा रही है, जिससे नागरिकों को आपातकालीन परिस्थितियों में तैयार रहने में मदद मिलेगी।

66
8659 views