
हर्षोल्लास के साथ सम्पन्न हुआ आर्य समाज वाशी का 44वें स्थापना दिवस का कार्यक्रम
आज दिनांक 4 मई 2025 रविवार को आर्य समाज वाशी का 44वें स्थापना दिवस का कार्यक्रम बड़े हर्षोल्लास के साथ सम्पन्न हुआ।
कार्यक्रम का आरम्भ यज्ञ के साथ हुआ। धर्माचार्य पण्डित नागेश चन्द्र शर्मा जी ने विधि पूर्वक यज्ञ सम्पन्न कराया। सैकड़ों श्रद्धालुओं ने यज्ञ में अपनी आहुति समर्पित की।
तत्पश्चात सुप्रसिद्ध भजनोपदेशक प्रभाकर गुप्त जी के मधुर भजनों का सभी ने रसास्वादन किया।
मुख्य वक्ता आचार्य करण सिंह आर्य जी ने वेदों की महत्ता और ब्रह्मविद्या की सर्वोत्कृष्टता पर प्रकाश डाला।
मुख्य अतिथि मुम्बई के पूर्व पुलिस आयुक्त और सांसद डॉ सत्यपाल सिंह जी ने वैदिक ज्ञान के द्वारा संसार की वास्तविक स्थिति और नित्य सत्ताओं को जानकर श्रेष्ठ सदाचारी जीवनशैली को अपनाने का आह्वान किया। उन्होंने उपनिषद की कथाओं के माध्यम से जीवन के उच्चतम लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए प्रयास करने, असत्य से सत्य की ओर बढ़ने, अन्धकार से प्रकाश तथा मृत्यु से अमरत्व की ओर अग्रसर होने का लक्ष्य निर्धारित करने के लिए प्रेरित किया।
आर्य समाज वाशी के पदाधिकारियों ने इस अवसर पर दानदाताओं, विद्वानों, अतिथियों और 'वेद को जानो' प्रतियोगिता के प्रतिभागियों को सम्मानित किया।
डॉ सत्यपाल सिंह जी ने पण्डित नागेश चन्द्र शर्मा जी को उनकी उत्कृष्ट सेवाओं और योगदान के लिए सम्मानित किया।
इस अवसर पर पण्डित नागेश चन्द्र शर्मा जी ने भारतीय शिक्षा प्रणाली की प्रासंगिकता, राष्ट्रीय शिक्षानीति 2020 के स्वरूप और भारतीय ज्ञान प्रणाली के समावेश पर प्रकाश डाला और इस दिशा में आर्ष एजुकेशन तथा मेटा स्कूलिंग के प्रयासों की चर्चा की।
अन्त में पदाधिकारियों श्री भीमजी रूपाणी, श्री देवेश गुप्त तथा श्री हरिपाल सिंह जी ने सभी अतिथियों, आगन्तुकों और श्रोताओं का धन्यवाद किया।
शान्तिपाठ एवम् प्रसाद वितरण, ऋषिलंगर के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।
रिपोर्ट- पण्डित नागेश चन्द्र शर्मा
स्थानीय सम्पादक (महाराष्ट्र) - "उगता भारत" राष्ट्रीय समाचार पत्र
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