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मजदूर दिवस के अवसर पर आदर्श चेतना सेवा संस्थान , हाजीपुर के तत्वावधान में दालान रंगमंच अंतर्गत बागमाली स्थित नंदू दास जी के दालान पर विचार गोष्ठी,एकल नाट्य महोत्सव एवं सम्मान समारोह कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

मजदूरों के सम्मान में कार्यक्रम का आयोजन।
मजदूर दिवस के अवसर पर आदर्श चेतना सेवा संस्थान , हाजीपुर के तत्वावधान में दालान रंगमंच अंतर्गत बागमाली स्थित नंदू दास जी के दालान पर विचार गोष्ठी,एकल नाट्य महोत्सव एवं सम्मान समारोह कार्यक्रम का आयोजन किया गया। वर्ष 2024 को मजदूर दिवस के अवसर पर शहर के बागमली स्थित सीता चौक से दालान रंगमंच की शुरुआत की गई थी । कार्यक्रम के प्रथम सत्र में मजदूरों के दिशा एवं दशा पर विचार गोष्ठी आयोजित की गई ,जिसकी अध्यक्षता कवि व नाट्यकार अखौरी चंद्रशेखर ने की,जबकि संचालन डॉ 0 सुधांशु कुमार चक्रवर्ती ने किया। गोष्ठी में विचार रखते हुए वक्ताओं ने कहा कि मौजूदा समय में मजदूरों की स्थिति अच्छी नहीं है ।असंगठित क्षेत्र के मजदूर की स्थिति और दयनीय है। वर्तमान समय के हिसाब से मजदूरी का निर्धारण होना चाहिए । साथ ही मजदूरों को स्वास्थ्य की सुविधा भी मिलनी चाहिए। बाल मजदूरी की भी समस्या हमारे समाज में बहुत बनी हुई है । ढाबों में, गैरेजों में और रेलवे स्टेशन पर छोटे-छोटे बच्चे मजदूरी करते नजर आते हैं । ऐसे में बाल मजदूरों को मुक्त करा करके शिक्षा से जोड़ने की जरूरत है । वक्ताओं ने कहा कि मजदूर दिवस या मई दिवस मनाने की शुरुआत आज से 139 वर्ष पहले शुरुआत हुई थी । मई दिवस यानी अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस की शुरुआत के पीछे मजदूरों के शौर्यपूर्ण बलिदान से जुड़ी हुई है। इस अवसर पर उपस्थित मजदूरों को अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया गया । विचार गोष्ठी को संबोधित करने वालों में साहित्यकार रविंद्र कुमार रतन,अजय सिंह,मनोज भूषण एवं डॉक्टर नंदू दास प्रमुख हैं। कवि व नाट्यकार अखौरी चंद्रशेखर ने कविता के माध्यम से मजदूरों की व्यथा को दर्शाया।
कार्यक्रम के दूसरे सत्र में एकल नाट्य महोत्सव आयोजित किया गया। सर्वप्रथम "मैं मजदूर हूं" एकल नाटक की प्रस्तुति डॉक्टर सुधांशु चक्रवर्ती द्वारा की गई । इस नाटक के माध्यम से मजदूरों की व्यथा को रेखांकित किया गया। इसके बाद उमेश कुमार निराला द्वारा स्वलिखित व निर्देशित "ऊर्जा संकट" नाटक प्रस्तुत किया गया । यह नाटक पर्यावरण संरक्षण हेतु मिशन लाइफ के सात बिंदु पर केंद्रित रहा । जिसके अंतर्गत ऊर्जा की बचत, पानी की बचत, एकल उपयोग प्लास्टिक को ना कहें, टिकाऊ/ सतत् खाद प्रणाली को अपनाना, ठोस अपशिष्ट को कम करना, ई वेस्ट को कम करना तथा स्वस्थ जीवन शैली को अपनाना शामिल है। अंत में विजय कुमार गुप्ता द्वारा "अगली खुराक" नाटक की प्रस्तुति की गई। इस नाटक के माध्यम से एक मजदूर की स्थिति को बताया गया है। एक मजदूर अपनी व्यथा बताते हुए कहता है कि बड़े से बड़े कार्यक्रम हो लेकिन वह उसमें शामिल नहीं हो सकता । यदि वह एक दिन मजदूरी नहीं करेगा, तो उसके बच्चे भूखे रह जाएंगे । इसलिए वह मजदूरी को प्राथमिकता देता है । सरकार को भी इस बात पर ध्यान देने की जरूरत है कि ऐसे मजदूरों को भी बड़े आयोजन में शामिल करने के लिए आमंत्रित करें और उसे दैनिक मजदूरी दें । सभी कलाकारों एवं अतिथियों को संस्था की ओर से श्रम दिवस का जनक "पीटर मैक गायर सम्मान" से सम्मानित किया गया । सम्मान प्राप्त करने वालों में साहित्यकार रविंद्र कुमार रतन, डॉक्टर नंदू दास, मनोज भूषण,डॉक्टर सुधांशु चक्रवर्ती, उमेश कुमार निराला, विजय कुमार गुप्ता, राजीव कुमार सिंह उर्फ घोल्टू एवं अमृतलाल शामिल हैं । कार्यक्रम के अंत में संस्था के संस्थापक सचिव उमेश कुमार निराला ने धन्यवाद ज्ञापन किया।

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