
मसूरी की सभी मस्जिदों में पहलगाम आतंकी हमले के विरोध में नम आंखों से जुमा की नमाज़, काली पट्टी बाँधकर जताया गया आक्रोश, देश में अमन-चैन की मांगी गई दुआ
*मसूरी, 25 अप्रैल:*
जम्मू-कश्मीर के *पहलगाम* में हाल ही में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को शोक और ग़ुस्से में डुबो दिया है। इस अमानवीय घटना के विरोध में *मसूरी के मुस्लिम समाज* ने आज जामा मस्जिद में जुमा की नमाज़ के दौरान *काली पट्टी बाँधकर* अपना विरोध प्रकट किया और शहीदों के प्रति संवेदना व्यक्त की।
जामा मस्जिद के इमाम ने कहा,
**"यह जो घटना हुई है, वह अत्यंत दुखद है। जिन निर्दोषों को मारा गया, उनके प्रति हमारी गहरी संवेदना है। जिन आतंकियों ने यह घिनौना कृत्य किया है, उनका इस्लाम से कोई संबंध नहीं है। उनके खिलाफ सख़्त से सख़्त कार्यवाही की जानी चाहिए।"
**वक्फ़ समिति के अध्यक्ष शिमून अहमद** ने कहा,
**"यह कायरता भरा हमला है। यहाँ किसी धर्म का नहीं, बल्कि इंसानियत का क़त्ल हुआ है। यह हमारे दिलों को छलनी कर देने वाली घटना है।"**
**मोहम्मद शाहिद, सचिव वक्फ़ मसूरी** ने कहा,
**"जो लोग वहाँ शहीद हुए हैं, हम उनके प्रति अपनी गहरी संवेदना प्रकट करते हैं। हम प्रधानमंत्री से आग्रह करते हैं कि पाकिस्तान को उसी की भाषा में जवाब दिया जाए, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो सके।"**
इस मौके पर मसूरी की जामा मस्जिद में *शिमून अहमद, मोहम्मद शाहिद, अय्यूब सबरी, नदीम, फिरोज, मुंतियाज़, कामिल* सहित समाज के कई गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे।
**नमाज़ के दौरान मसूरी के तमाम मुस्लिम समाज ने देश में अमन, चैन और भाईचारे की दुआ माँगी। दुआ की गई कि इस धरती पर फिर कभी किसी माँ की गोद न सूने, किसी बच्चे का बचपन खून से लथपथ न हो।**
**आज की नमाज़ सिर्फ इबादत नहीं थी — ये इंसाफ़, इंसानियत और एकता की पुकार थी। ये वो आँसू थे जो एकता में तब्दील हो गए।**