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सडक के ऊपर सडक बना उपयंत्री और सहायक यंत्री कर रहे कमाल, पंचायत प्रतिनिधियों से साँठगाँठ कर किया जा रहा भ्रष्टाचार

डिंडोरी -- कार्यालय ग्रामीण याँत्रकीय सेवा विभाग डिंडोरी मे कुछ ऐसे भी उपयंत्री हैँ जो काफी लम्बे समय से अपने राजनीतिक रसूख और सफेदपोशों कि शागिर्दी के बलबूते लम्बे समय से आदिवासी अंचल के विकास कार्यों मे रोड़ा रहते भ्रष्टाचार कि नई इबारतें लिखते रहे हैँ। ऐसे ही एक उपयंत्री कि शिकायत भाजपा पिछड़ा वर्ग मोर्चा के जिलाध्यक्ष दशरथ सिंह राठौर डिंडोरी द्वारा दिनांक 22/04/25 को कलेक्टर डिंडोरी कि आवक - जावक शाखा मे कि गई है। जिसमे जनपद डिंडोरी अंतर्गत ग्राम पंचायत सरहरी का जिक्र करते हुये सुदूर सडक मुख्यमार्ग सिमरिया से डूंगरिया तक का बखान किया गया है। शिकायत पत्र के मुताबिक उक्त सडक के लिये वर्ष 2023 - 24 वर्क आई डी (1745002042/RC/22012034637609) मे 23.95 लाख रूपये कि स्वीकृति कि गई थी और निर्माण एजेंसी ग्राम पंचायत सरहरी को बनाया गया था।

सरहरी कि सडक सिमरिया मे -- दशरथ ने पत्र मे इस बात का भी स्पष्ट तौर पर जिक्र किया है कि उक्त मार्ग का निर्माण ग्राम पंचायत सरहरी में न होकर ग्राम पंचायत सिमरिया में कराया जा रहा है। जहाँ पूर्व से सुदुर सम्पर्क सड़क निर्माण कार्य सिमरिया से डुगरिया तक जिसकी वर्क आई.डी (1745002041/RC/22012034331844) और वर्ष 2016-2017 में लगभग 12.00 लाख रूपये खर्च कर तैयार कि गई थी। अब उसी स्थान पर पूर्व में बनी सडक पर पुनः 23.95 लाख की सड़क स्वीकृत कर वर्क डुप्लीकेशी करके भ्रष्टाचार और अनियमितता की जा रही है।

मिलिभगत कर किया जा रहा भ्रष्टाचार -- पत्र के माध्यम से पिछड़ा वर्ग मोर्चा के जिलाध्यक्ष दशरथ राठौर ने सीनियर डेटा मेनेजर प्रवीण गुप्ता, सहायक यंत्री विजेन्द्र सारिवान, उपयंत्री संदीप शुक्ला जनपद पंचायत ए.पी.ओ. भोजराज परस्ते, ग्राम पंचायत सरहरी एवं सिमरिया सचिव सरपंच तथा सरहरी रोजगार सहायक, सरपंच, ठेकेदार के द्वारा मिलीभगत कर शासकीय योजना की राशि का दुरूपयोग एवं भ्रष्टाचार किया जा रहा है जैसा संगीन आरोप लगाया है।

पूर्व शिकायत पर नहीं हुई कार्यवाही -- दशरथ ने इस बात का हवाला भी दिया गया है कि उक्त निर्माण मे उपयंत्री संदीप शुक्ला के द्वारा मूल्यांकन किया गया है। जिसकी शिकायत पूर्व में भी ग्रामवासियों के द्वारा जनपद पंचायत एवं जिला पंचायत डिण्डौरी में दिनांक 14.12.2023 को आवेदन के माध्यम से कि गई थी, लेकिन राजनीतिक रसूख और संरक्षण के चलते जिम्मेदारों ने उक्त मामले मे दिलचस्पी नहीं ली।
सूत्रों के मुताबिक उक्त उपयंत्री अपने रसूख के लिये खासे चर्चित है, और पहले भी ऐसे ही घपले - घोटालो के चलते इनके ऊपर विभागीय जांचे लंबित है. चर्चा तो यह भी है कि इनके कार्यकाल मे किये गये समस्त निर्माण कार्यों कि जांच ईमानदारी से कि जाये तो और भी चौकाने वाले नतीजे सामने आ सकते है।

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