पहलगाम हमले में धर्म पूछकर गोली मारी
*धर्म पूछ के गोली मारी, फिर गीदड़ के झुंडों ने।**भेष बदल के की कायरता फिर आतंकी गुंडों ने।।**दोष था उनका, निर्दोष वे सारे धर्म से अपने हिन्दू थे।**पर घात लगाने वाले गिद्धों से अनजान वे सारे बंधु थे।।**क्या मासूमों को मारा जब कोई संविधान का प्रश्न हुआ?**क्या जाति पूछी उनसे या फिर भाषा का कोई प्रश्न हुआ??**न नीला,लाल वहां पूछा, न राज्य की सीमा पूछी गई?**बस जबर्दस्ती कलमा पढ़वा के सांसें उनकी नोची गई?**चुन–चुन के हिन्दू यहां वहां सिर्फ भेंट चढ़ाया जाता है।**बंगाल हो या फिर, पहलगाम हिन्दू ही तो मारा जाता है।।**कौन कहेगा अब आतंकी का, धर्म नहीं होता कोई?**कहें यदि फिर भी ऐसा तो वो हिन्दू नहीं होगा कोई।।**और मुसलमान तो सारे खुश होंगे न गम उन्हें कोई होगा?**धर्म पूछ के मारने वाला वे सोचेंगे कि उनका अपना होगा।।**न मलाल होगा मन में ,कि कोई अपना चला गया।**धर्म पूछ के मारा मतलब मुसलमान का भला हुआ??**पर याद रखो इस देश में रह के जो भी गद्दारी करते हो।**अनदेखी जन्नत की खातिर इस जन्नत को जो ठुकराते हो!**उसी जमीं में जगह तुम्हारी एक वक्त तलाशी जाएगी।**कौम तुम्हारी कयामतों तक हर दिल से कोसी जायेगी।।**मत बोलो न शोक करो ये सारा देश ही तुमसे पूछेगा?**इस्लाम ही आतंकी उद्गम है, ये बच्चा– बच्चा पूछेगा।।* *राष्ट्र प्रथम कहने वाली इन सरकारों से भी अब विनती है।**करने को क्या कुछ भी नहीं बस मरने वालों की गिनती है?**निंदा हमको नहीं चाहिए न शोक भाव तुमसे कोई।**प्रतिक्रिया ऐसी देना कि दोबारा न सीमा लांघें कोई!!**कार्यवाही ऐसी हो कि शत्रु को भी इसका पछतावा हो।**आतंकवाद पर ऐसे बरसो कि ज्वालामुखी का लावा हो।**छिन्न –भिन्न हो जाए इरादे जो आतंकी ने पाले हैं।**घर में घुस के बेघर कर दो कुत्ते जो शत्रु ने पाले हैं!!**धर्म पूछ के गोली मारी, फिर गीदड़ के झुंडों ने।**भेष बदल के की कायरता फिर आतंकी गुंडों ने।।**कुंवर प्रताप यादवेन्द्र सिंह यादव चंद्रवंशी उर्फ़ टाईगर भईया राष्ट्रीय अध्यक्ष वसुधैव कुटुंबकम्*