
झंझारपुर: मुखिया रंजू देवी पर होगी कार्रवाई , पति संतोष ठाकुर को अभिकर्ता बनाने पर बढ़ीं मुश्किलें.
झंझारपुर (मधुबनी)। प्रखंड के महिनाथपुर पंचायत में मुखिया रंजू देवी पर कार्रवाई की तलवार लटक गई है। पंचायत के दो विकास कार्यों में पति संतोष ठाकुर को अभिकर्ता बनाए जाने और गबन के आरोप सही पाए जाने पर प्रखंड विकास पदाधिकारी और लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी ने जिला पंचायती राज पदाधिकारी से आगे की कार्रवाई की सिफारिश की है।
महिनाथपुर निवासी शंकर झा ने प्रखंड विकास पदाधिकारी को इस संबंध में शिकायत की थी। बाद में यह मामला लोक शिकायत निवारण कार्यालय पहुंचा। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया था कि योजना संख्या 03/2016-17 (चतुर्थ वित्त आयोग मद से ग्राम. पं. राज महिनाथपुर में 10 चापाकल लगवाना) और योजना संख्या 04/2016-17 (14वीं वित्त आयोग मद से महिनाथपुर में दुर्गा स्थान से रवि मुखिया के घर तक सड़क मरम्मत का कार्य) में नियमों का उल्लंघन करते हुए मुखिया पति को अभिकर्ता बनाया गया और योजना राशि का गबन किया गया।
प्रखंड विकास पदाधिकारी (बीडीओ) कृष्णा कुमार ने जांच में आरोपों को सही पाया और इस आधार पर उन्होंने जिला पंचायती राज पदाधिकारी को आगे की कार्रवाई के लिए मार्गदर्शन की मांग की है। सोमवार को अनुमंडलीय लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी मोहम्मद जेयाउर रहमान ने इस मामले की सुनवाई के बाद फैसले में कहा, ”लोक प्राधिकार के प्रतिवेदन से स्पष्ट है कि उक्त मामले में नियम के खिलाफ काम किया गया है, इस परिपेक्ष्य में जिला पंचायती राज पदाधिकारी से अनुशंसा की जाती है कि वे पंचायती राज अधिनियम के तहत उक्त मामले में नियमाकूल कार्रवाई करें।”शिकायतकर्ता शंकर झा ने कहा कि पंचायत में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है। वह लंबे समय से भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाते रहे हैं और इस इस मामले को अंजाम तक पहुंचाकर ही दम लेंगे।
उन्होंने मांग की कि पंचायती राज पदाधिकारी जल्द ही इस मामले का निपटारा करें और उचित कानूनी कार्रवाई की जाए। उधर, मुखिया पति संतोष ठाकुर यह स्वीकार करते हैं कि वह दो योजनाओं में अभिकर्ता बने थे और यह गलती हुई थी, लेकिन साथ ही वह तर्क देते हैं कि 2016 में वह नए थे, नियमों की जानकारी नहीं थी। उस समय पंचायत सचिव बीमार थे, इसलिए ग्रामसभा से पास करवाकर अभिकर्ता बन गए थे। योजना पूरी हो गई है।