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ऑपरेशन जागृति 4.0 के तहत महिलाओं-बालिकाओं और युवाओं को किया गया जागरूक, साइबर अपराध, व नशा, लव रिलेशनशिप पर हुई चर्चा -पुलिस ने वूमेन पावर लाइन 1090, महिला हेल्पलाइन 181, सीएम हेल्पलाइन 1076, चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098, -स्वास्थ्य सेवा 102, एंबुलेंस 108, आपातकालीन सेवा 112, साइबर अपराध सहायता हेतु 1930 दी जानकारी

हाथरस। पुलिस अधीक्षक चिरंजीव नाथ सिन्हा के निर्देशन में ऑपरेशन जागृति फेज-4 अभियान के तहत अपर पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार द्वारा यूनिसेफ के प्रतिनिधियों के साथ थाना हाथरस गेट क्षेत्रांतर्गत सरस्वती विधा मन्दिर स्कूल पर जनजागरूकता कार्यक्रम आयोजित कर महिला एवं बालिकाओं व आमजन को ऑपरेशन जागृति के उद्देश्यों के सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी प्रदान की गई और अभियान का जन-जन तक प्रचार प्रसार करने की अपील की गई । अपर पुलिस महानिदेशक जोन, आगरा द्वारा जोन स्तर पर महिलाओं, बालिकाओं की सुरक्षा,सशक्तिकरण, संवाद,परामर्श एवं विभिन्न प्रकार के अपराधों के बारे में जागरूकता पैदा करने हेतु यूनीसैफ के पदाधिकारियों के माध्यम से जोन स्तर पर ऑपरेशन जागृति अभियान की शुरूआत की गयी थी । उपरोक्त अभियान के सफल संचालन एवं बेहतर परिणामों के फलस्वरूप जोन स्तर पर उक्त अभियान के चतुर्थ फेज का पुनः शुभारम्भ किया गया है यह अभियान जोन स्तर पर दिनांक 17 अप्रैल से 17 मई तक चलाया जायेगा।

-ऑपरेशन जागृति फेज-04 अभियान के मुख्य उद्देश्य-

-महिलाओं की सुरक्षा हेतु बनाए गए कानूनों के दुरूपयोग व फॉल्स केसेस

-लव रिलेशनशिप के प्रति परिवारों किशोर व किशोरियों को सचेत करना महिलाओं का घरेलू हिंसा से बचाव

-साइबर हिंसा के प्रति जागरूकता, युवाओं में नशे के दुष्परिणामों से बचाव

-पारिवारिक विघटन, आपरेशन जागृति फेज-04 अभियान की सहायता से महिलाओं-बालिकाओं के प्रति अपराधों में कमी आयेगी, गलत सूचनाएं दर्ज करने मे भी कमी आयेगी, कांउसलिंग और रिपोर्टिंग सिस्टम मजबूत होगा, पलायन सम्बन्धी मामलों में भी कमी आयेगी।
इस दौरान अपर पुलिस अधीक्षक द्वारा यूनिसेफ के प्रतिनिधियों के जनजागरूकता कार्यक्रम आयोजित कर बताया गया कि नाबालिग उम्र में बालिकायें लव अफेयर, पलायन, लिव इन रिलेशनशिप जैसे मामलों में फँस जाती हैं और किन्ही कारणों से उनको समझौता करना पड़ता है कई बार बालिकायें अपनी सहमति से भी बिना सोचे समझे चली जाती है। साथ ही साथ बदनामी के भय से किसी से शेयर नहीं करती हैं, जिसके कारण वह ऐसी स्थिति से निकलने में अपने आपको अक्षम महसूस करती हैं। परिवार में आपसी संवादहीनता और अभिभावकों से डर के कारण बालिकाएं अपनी बात कह नहीं पाती है । इसके अतिरिक्त आज Technology के दुरूपयोग के चलते महिलाओं एवं बालिकाओं के प्रति साइबर बुलिंग के मामले भी सामने आ रहे है। प्रायः यह देखने में आ रहा है कि पारिवारिक विवाद-पारस्परिक भूमि विवाद का यथोचित समाधान नहीं दिखने पर अपराधिक घटनाओं में महिला सम्बन्धी अपराधों को जोड़ दिया जाता है । जबकि मूलतः यह पारिवारिक और भूमि विवाद संबन्धी होती है। इस अभियान से इस प्रकार गलत रिपोर्टिंग के मामलों में भी कमी आयेगी ।

इन सभी परिस्थितियों में सामाजिक जागरूकता, संवाद शिक्षा और परामर्श की बेहद आवश्यकता है ताकि महिलायें एवं बालिकायें इस प्रकार के षडयंत्रों का शिकार न बने, भावनाओं में बहकर अपना जीवन बर्वाद न करें और उन्हें मोहरा बनाकर जमीनी विवादों का समझौता न किया जाये। यदि वास्तव में उनके साथ किसी प्रकार का अपराध घटित होता है तो वह सच बोलने की हिम्मत रख पाये और विधिक कार्यवाही के साथ-साथ उनको

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