
आर्य समाज पाली राजस्थान के सप्ताहिक अधिवेशन में वैदिक विद्वान आर्य प्रतिनिधि सभा उत्तर प्रदेश के प्रचारक विनोद आर्य बोले:
पंच महायज्ञ करना हर गृहस्थी का परम धर्म : विनोद आर्य लोनी
@घेवरचन्द आर्य पाली
पाली रविवार 20 अप्रेल/ आर्य प्रतिनिधि सभा उत्तर प्रदेश के प्रचारक वैदिक विद्वान विनोद आर्य लोनी पूर्व नाम अल्ली अहमद हब्बारी ने कहां की ब्रह्म यज्ञ, देव यज्ञ, पितृ यज्ञ, बलिवैश्व यज्ञ, और अतिथि यज्ञ. ये पंच यज्ञ करना हर गृहस्थी का परम धर्म और परम कर्तव्य है। यज्ञ की व्याख्या करते हुए आचार्य जी ने कहा कि ब्रह्म यज्ञ : वेदों का अध्ययन, स्वाध्याय और ईश्वर की उपासना करना। देव यज्ञ : वेद मंत्रों से यज्ञ या हवन में आहुतियां देकर अग्नि, वायु, जल, पृथ्वी आकाश आदि देवो तक पहुंचाकर प्रदूषण की शुद्धि करना जिससे संसार का उपकार हो। पितृ यज्ञ: जीवित माता-पिता, दादा-दादी आदि पितरों को भोजन कपड़ा दवाई आदि देकर संतुष्ट करना अर्थात तृष्त करना। बलिवेश्व यज्ञ : यह मूक जीवों गौ को और कुत्ते को रोटी काक चिड़ियां कबूतर आदि को चूंगा और पानी डालना। जैसे कि इनके लिए भोजन छोड़ना. और अतिथि यज्ञ : आगंतुक विद्वान एवं संन्यासी का सम्मान करना भोजन करवाना।
उन्होंने कहा कि रामायण से महाभारत काल तक हमारे पूर्वज पंच यज्ञ करते थे, इसलिए भारत सोने की चिड़िया कहलाता था। जो नियमित अपने घर पर यज्ञ नही कर सकते उनको प्रति रविवार आर्य समाज के अधिवेशन में आकर यज्ञ में आहुतियां देनी चाहिए। पश्चिम बंगाल की घटनाओं पर उन्होंने कहां की अगर हिन्दू समाज दयानन्द और स्वामी श्रद्धानंद की बात मान लेता और एक वैदिक धर्म के निचे एकत्रित होता तथा आर्य समाज के शुद्धि आन्दोलन को समर्थन देता तो जम्मू कश्मीर पूर्वांचल और केरल आदि में आज हिन्दू बहुमत में होता। उन्होंने बंगलादेश व पश्चिम बंगाल में हो रही दिन प्रतिदिन की घटनाओं से सबक लेकर हिन्दूओं का संगठित होकर प्रतिक्रिया देने पर जोर दिया ।
प्रचार मंत्री घेवरचन्द आर्य ने बताया कि इससे पूर्व आचार्य जी के ब्रह्मात्व में गायत्री मंत्र, ईश्वर स्तुति प्रार्थना उपासना मंत्र, स्वास्तिक वाचन मंत्रों के बाद विधिवत हवन में आहुतियां प्रदान कर राष्ट्र की खुशहाली की मंगल कामना की गई। जिसमें देवेन्द्र मेवाडा सपत्नीक मुख्य यजमान बने। बंगाल के निर्दोष हिन्दुओं की हत्या पर गहरा दुःख व्यक्त करते श्रद्धांजलि अर्पित की गई। प्रधान मगाराम आर्य, भजनोपदेशक ज्ञानाराम आर्य, डां गौरव शर्मा ने भजन सुनाया सिद्धार्थ आर्य ने शान्ति पाठ और जयघोष किया। मंत्री विजयराज आर्य ने आचार्य जी का स्वागत कर दक्षिणा भेंटकर धन्यवाद ज्ञापित किया।
इस अवसर पर मगाराम आर्य, विजयराज आर्य, शिवराम प्रजापत, गजेन्द्र अरोड़ा, घेवरचंद आर्य, पुनमचन्द वैष्णव, हीरालाल आर्य सोजत, आर्य वीर दल से संरक्षक धनराज आर्य, उपाध्यक्ष देवेन्द्र मेवाड़ा, सचिव हनुमान आर्य, संचालक भरत कुमावत, सदस्य डां. गौरव शर्मा, सिद्धार्थ आर्य, सुनिल चारण, सुनिल चौधरी, आनन्द महिला आर्य समाज से सुरज देवी टूटीयां, उप प्रधाना निर्मला मेवाड़ा, सदस्य प्रकाश कंवर, सोनाक्षी आर्या, पुष्पा देवी, रिद्धि आर्या आदि मोजूद रहे।