
बिलकुल! नीचे आपको उसी कार्यक्रम पर आधारित एक प्रोफेशनल और आकर्षक हिंदी न्यूज रिपोर्ट दी जा रही है, जिसे आप वीडियो न्यूज़ या प्रिंट न्यूज़ – দু’नों में इस्तेमाल कर सकते हैं:
🎙️ साहित्य और संस्कृति की अनूठी छटा – कोलकाता में संपन्न हुआ अंतरराष्ट्रीय साहित्य दिशारी का भव्य आयोजन
कोलकाता स्थित बौद्ध धर्मांकुर सभा गृह में 'जनरेशन एचीवर' की साहित्यिक शाखा अंतरराष्ट्रीय साहित्य दिशारी द्वारा एक भव्य साहित्यिक-सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम की शुरुआत पौधों में जल अर्पण कर की गई, जिसमें प्रकृति प्रेम और पर्यावरण-संवेदनशीलता का संदेश निहित था। इसके पश्चात मंच की शोभा बढ़ाई जानी-मानी साहित्यिक, सामाजिक और शैक्षणिक जगत की हस्तियों ने।
उपस्थित विशिष्ट अतिथियों में शामिल थे — सेवानिवृत्त ब्रिगेडियर तुषारकांति मुखर्जी, डॉ. दीप्ति मुखर्जी, श्री सिराजुल इस्लाम ढाली, डॉ. मुस्ताक अहमद, लोकगायक सत्यरंजन मंडल सहित अन्य प्रतिष्ठित व्यक्तित्व।
कार्यक्रम की शुरुआत की नन्ही कलाकार रूपकथा समाद्दार ने, जिनके हारमोनिका वादन ने सबका मन मोह लिया।
इस कार्यक्रम में काव्य पाठ, नाट्य प्रस्तुति और संगीत की त्रिवेणी बहती रही। कवयित्री महाश्वेता बंद्योपाध्याय, प्रतीक मुखर्जी, विश्वरूप सिन्हा, शिवशंकर बक्सी, डॉ. स्वरूप मालाकार, डॉ. सोमनाथ डे, प्रणति साहा, रूपा शिकदर जैसे अनेक सशक्त साहित्यकारों ने अपनी रचनात्मक प्रस्तुतियों से कार्यक्रम को जीवंत किया।
विशेष आकर्षण रहा — "मातृभाषा विजयी कृति बंगाली सम्मान", जो समर्पित किया गया वरिष्ठ शिक्षक एवं साहित्यसेवी बैद्यनाथ पाल को।
कार्यक्रम का संचालन किया सुप्रसिद्ध वाणीशिल्पी शिउली सरकार और सुप्रिया घोष ने, जिनकी सजीव सादगीपूर्ण प्रस्तुति ने दर्शकों को बाँधे रखा।
यह कार्यक्रम केवल एक साहित्यिक मंच नहीं था, बल्कि यह बना संवेदना, सृजन और सामाजिक जागरूकता का एक संगम स्थल।
अंतरराष्ट्रीय साहित्य दिशारी ने एक बार फिर सिद्ध कर दिया कि साहित्य और संस्कृति जब एक साथ चलते हैं, तो वे समाज को जागरूक करने का माध्यम भी बन जाते हैं।