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*फार्मेसी रजिस्ट्रेशन नहीं होने से प्रदेश के हजारों फार्मासिस्ट हो रहे परेशान-मिथुन वप्ता* *प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव जी के मंदसौर आगमन पर छात्रों की समस्याओ से करवाया अवगत।*


मंदसौर-मध्यप्रदेश में पिछले डेढ़ दो साल में फार्मेसी विभाग के छात्र परेशानी में है। बी फार्म, डी फार्म,एम फार्म करे हुए ऐसे हजारों छात्र हैं जिनका रजिस्ट्रेशन फार्मेसी विभाग द्वारा किया नहीं जा रहा है। जिसके चलते छात्र न तो अपना मेडिकल खोल पा रहे है और न ही किसी नौकरी हेतु आवेदन कर पा रहे है। घर परिवार के पालन पोषण में समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। ऐसा प्रतीत होता है मानो सरकार ने इस विभाग को ही प्राथमिकता से अपने विभाग से हटा दिया हो।
मध्यप्रदेश फार्मेसी छात्रों की इन्हीं समस्याओं को लेकर मध्यप्रदेश फार्मेसी एसोसिएशन के प्रदेश सचिव श्री दीपक मिश्रा एवं जिलाध्यक्ष श्री मिथुन वप्ता ने प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री मोहन यादव जी के मंदसौर आगमन पर मुलाकात कर पत्र देकर समस्याओं से अवगत करवाया और प्रमुखता से मांग की है कि उक्त समस्याओं का जल्द से जल्द निराकरण करे।
जिलाध्यक्ष श्री मिथुन वप्ता ने पत्र में उल्लेख करते हुए माननीय मुख्यमंत्री मोहन यादव जी से कहा कि फार्मेसी की पढ़ाई MBBS के समक्ष होती है। मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया के जैसे ड्रग एंड कॉस्मेटिक एक्ट 1940 एवं रूल्स 1945 के तहत फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया का गठन किया गया था। इसीलिए यह पैरामेडिकल स्टॉफ की श्रेणी में नहीं आता है। फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया में दो वर्षीय डिप्लोमा एवं चार वर्षीय फार्मेसी की डिग्री के बाद रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया होने पर रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट का सर्टिफिकेट जारी होता है और दवा वितरण सम्बंधित समस्त कार्य फार्मासिस्ट समुदाय द्वारा किया जाता है।
परंतु कई वर्षों से फार्मासिस्ट समुदाय को कई अनियमितताओं के चलते परेशान होना पड़ रहा है। पारदर्शिता ना होने के कारण फार्मेसी काउंसिल मध्यप्रदेश भोपाल में रजिस्ट्रेशन संबंधित कई परेशानियां आ रही हैं। समय पर रजिस्ट्रेशन नही किए जा रहे हैं। रजिस्ट्रार द्वारा या अन्य स्टॉफ द्वारा कोई स्पष्ट जानकारी साझा न करी जा रही हे।काउंसिल ऑफिस में फार्मासिस्ट लोगों की समस्याओं के निराकरण हेतु हेल्प डेस्क या हेल्प लाइन नंबर का ना होना जिससे की भोपाल से अन्यत्र जिलों में रहने वाले हजारों फार्मासिस्टों को स्पष्ट जानकारी मिल सके। परमानेंट रजिस्ट्रार की नियुक्ति भी काफी समय से पेंडिंग हैं। इन सभी गंभीर विषयों की जानकारी विस्तार से बताई गई। उक्त मांग को पूर्व में मध्यप्रदेश सरकार के उपमुख्यमंत्री शुक्ला को भी कई बार अवगत करवा चुके है लेकिन फिर भी इन समस्याओं का समाधान अभी तक नहीं हुआ है।अतः आपके माध्यम से आ रही इन समस्याओं का निराकरण शीघ्र ही किया जाए ताकि प्रदेश के फार्मासिस्ट लोगों के परेशान न होना पड़े।उक्त जानकारी संगठन के वरिष्ठ नरेंद्र त्रिवेदी ने दी।

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