logo

शिक्षा व्यवस्था: विचारणीय पहलू!

अध्यापकों की मांगो पर करें विचार:तभी हो सकेगा शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ठ सुधार!

हिमाचल प्रदेश के शिक्षा विभाग में किसी भी प्रकार की नीतियों के कार्यान्वित करने से पहले अध्यापक वर्ग की समस्याओं और सुझावों को अवश्य ही विभाग और सरकार को ध्यान में रख कर अध्यापक वर्ग को राहत पंहुचानी चाहिए, क्योंकि विभाग चाहे जितनी भी नीतियों का निर्धारण और कार्यान्वयन कर ले,जब तक अध्यापक वर्ग में स्थायित्व की भावना और तनाव रहित वातावरण नहीं मिलेगा, शिक्षा के स्तर में सुधार संभव नहीं हो सकता.
सरकार का युक्तिकरण का निर्णय सराहनीय कदम है,अध्यापक वर्ग इसकी सराहना करता है परंतु विभाग को यह भी ध्यान में रखना होगा कि लगभग सभी वर्ग के अध्यापक कई वर्षोंं से पद्दोन्नति की राह देख रहे हैं और सरकार और विभाग से बहुत उम्मीद लगाए बैठे हैं।
अच्छा तो यह होगा कि सर्वप्रथम पद्दोन्नति की प्रक्रिया को संपन्न करवाया जाए ताकि रिक्त पदों पर विभिन्न विषयों के अध्यापकों की कमी पूरी हो सके और सभी विद्यालयों में अध्यापकों की समुचित उपलब्धता होने पर ही युक्तिकरण को तर्क संगत बनाया जा सकता है। अन्यथा पहले युक्तिकरण की प्रक्रिया को अपनाने के बाद पद्दोन्नति होने पर फिर से पद रिक्त होते रहेंगे और व्यवस्था को सुचारु रूप से चलाने में बहुत सा वक्त बीत जाएगा.
और युक्तिकरण की प्रक्रिया को अंजाम देने में किसी भी प्रकार के पूर्वाग्रह और राजनैतिक द्वेष को नजरंदाज किया जाना चाहिए.
इस बात पर अवश्य ध्यान दिया जाना चाहिए कि अगर विभाग और सरकार अगर व्यवस्था में निस्संदेह उत्कृष्ठ परिवर्तन ल़ाने के लिए बचनबद्ध है तो विद्यालय और विद्यार्थियों के हित में अध्यापकों की जायज़ मांगो पर गंभीरता से विचार किया जाना चाहिए.
सोचना होगा: क्योंकि प्रश्न बच्चों के भविष्य का है.

101
17644 views