
बच्चों पर निगरानी रखना,उन्हें समय रहते सही गलत की पहचान करना हर माता पिता की जिम्मेदारी-कुलपति प्रो सुदेश
खानपुर कलां -16 अप्रैल। भगत फूल सिंह महिला विश्वविद्यालय खानपुर कलां के समाज कार्य विभाग द्वारा प्रथम संस्था के सहयोग से एक दिवसीय "वार्षिक शिक्षा स्थिति रिपोर्ट सर्वे 2024 पर चर्चा" और प्रमाण पत्र वितरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में प्रथम संस्था टीम से संदीप कुमार , वार्षिक शिक्षा स्थिति रिपोर्ट राज्य समन्वयक श्रीमती रितु और सर्वे प्रशिक्षक श्रीमती शिल्पा उपस्थित रहे । कार्यक्रम की अध्यक्षता समाज कार्य विभाग की अध्यक्षा डॉ मंजू पवार ने की ।
संदीप कुमार ने अपने व्याख्यान के दौरान बताया कि प्रथम संस्था अंतरराष्ट्रीय स्तर की संस्था है,जो भारत व अन्य कई देशों में कार्य कर रही है। जिसकी शुरुआत धारावी मुंबई से 2005 में की गई थी ।वार्षिक शिक्षा स्थिति रिपोर्ट सर्वे के बारे में उन्होंने बताया कि यह पूरे देश में एकमात्र सर्वे है जो विभिन्न आयु वर्गों में शिक्षा का स्तर जानने के लिए सर्वेक्षण करवाता है। सर्वेक्षण के लिए विभिन्न विश्वविद्यालय से वॉलिंटियर्स इस सर्वे में प्रतिभागिता करते हैं। उन्होंने वार्षिक शिक्षा स्थिति रिपोर्ट 2024 के बारे में बताया कि यह सर्वे हरियाणा के 21 जिलों के 626 गांव में किया गया । इसमें 3 से 16 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों का सर्वे किया गया। जिसके लिए 12424 घरों से 23725 बच्चों को शामिल किया गया। संदीप ने सर्वे के परिणाम की व्याख्या करते हुए बताया कि सर्वे में पाया गया कि 6-14 वर्ष के 46% बच्चे सरकारी और 52.3% बच्चे निजी स्कूलों में और 15 से 16 वर्ष के 5% बच्चे किसी भी शिक्षण संस्था में दाखिल नहीं है । 14 से 18 वर्ष के लगभग 14% बच्चे दूसरी कक्षा की पाठ्य सामग्री नहीं पढ़ पाए। पाठ्य सामग्री लड़कों की अपेक्षा लड़कियां ज्यादा अच्छे से पढ़ पाई। जबकि मापन व वित्तीय संबंधी प्रश्नों का उत्तर लड़के ज्यादा अच्छे से दे पाए। उन्होंने बताया कि 92% बच्चों के घरों में स्मार्टफोन है ,जिसका प्रयोग बच्चे करते हैं।सबसे ज्यादा लगभग 77.5% बच्चे फोन में सोशल मीडिया का प्रयोग करते हैं । इसके साथ उन्होंने प्रभावी सर्वेक्षण करने के लिए आवश्यकता मापदंडों पर भी विस्तार से चर्चा की।
अपने संदेश में कुलपति प्रो सुदेश ने कहा कि सोशल मीडिया का प्रयोग ज्ञान वर्धन के लिए ही किया जाना चाहिए। लेकिन आज बच्चे से लेकर बड़े तक सोशल मीडिया का दुरूपयोग कर रहें है या फिर समय की हानि कर रहें है। ऐसी स्थिति में माता पिता की जिम्मेदारी और भी बढ़ जाती है। कुलपति ने कहा कि अपने बच्चों पर निगरानी रखना,उन्हें समय रहते सही गलत की पहचान करना हर माता पिता की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि बच्चों में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है लेकिन उनको सही दिशा दिखाना और प्रतिभा को निखारना हम सब का दायित्व है।
कार्यक्रम में सभी प्रतिभागी छात्राओं को प्रमाण पत्र भी वितरित किए गए।
डॉ दीपाली ने धन्यवाद ज्ञापन किया।
फोटो कैप्शन :-01 कार्यक्रम में उपस्थित प्रतिभागी अपने प्रमाण पत्रों के साथ।