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ये प्रतीक बताते हैं जीवन के अनुभव।

हांसी स्कूली जीवन में बच्चों के चहुंमुखी विकास के लिए उसके छात्र जीवन में शिक्षा के साथ साथ बहुत कुछ सीखने और उनमे छुपी प्रतिभा को ऊजागर करने के अवसर कभी सरकारी स्कूल और कालेजों में प्रदान किये जाते थे। लेकिन जैसे ही शिक्षा और स्वास्थ्य का व्यारीकरण हुआ तब सरकारी स्कूल और कालेज अपने मूल उद्देश्यों से पीछे गये और स्काऊटिंग, एन सी.सी., एन.एस.एस., रेडक्रास ट्रेनिंग केवल खाना पूर्ति और कागजी बनकर रह गयी है। कुछ मामलों में तो यह भ्रष्ट लोगों को नियंत्रण मे भी देखे गये है। और मनमानी तरीके से संचालन भी होते देखा गया है। ये संस्थान कभी एक छात्र को योग्य और समर्पित देशभर नागरिक तैयार करते थे लेकिन आज मूल उद्देश्य से भटके नज़र आ रहि है। कारण है। सरकार की सरकारू स्कूल कालेजों के प्रति उदासीन होकर प्राईवेट शिक्षा और स्वास्थ्य केन्द्रों को बढावा देने के ईवसर प्रदान कलना। इनसे जुङे लोग आज जिन्होंने इनसे जुङकर उपलब्धियां प्राप्त की थी आज इनकी हालत देखकर बहुत निराश नज़र आते हैं।

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