
*भारतीय संविधान निर्माता एवं भारत रत्न बाबा साहेब डॉक्टर भीमराव अम्बेडकर जी की जयंती के उपलक्ष्य में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने की प्रबुद्ध जन गोष्टी का आयोजन*
*संस्कृति सबकी एक चिरंतन खून रगों में हिंदू है,,, विराट सागर समाज अपना हम सब इसके बिंदु है*
सज्जनगढ़ कस्बे के श्रीराम उच्च माध्यमिक विद्यानिकेतन परिसर में भारतीय संविधान निर्माता एवं भारत रत्न बाबा साहेब डॉक्टर भीमराव अम्बेडकर जी की जयंती के उपलक्ष्य में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने की प्रबुद्ध जन गोष्टी का आयोजन सुभाष जी यादव व्याख्याता की अध्यक्षता में की गई। सर्बप्रथम बाबा साहेब एवं भारत माता की तस्वीर पर माल्यार्पण कर गोष्ठी का शुभारंभ किया गया। पाथेय आदरणीय श्रीकांतजी भाई साहब राजस्थान क्षेत्रीय बौद्धिक प्रमुख ने प्रदान किया। श्रीकांत जी ने कहा की बाबा साहेब ने संविधान निर्माण के दौरान शोषित, वँचित एवं महिलाओ को प्रथम पंक्ति में रखा। बाबा साहेब ने भारत के समस्त नागरिकों को उनके नागरिक अधिकार प्रदान किये। 1000 वर्षो की गुलामी के बाद देश की आजादी उपरांत भारत के संविधान निर्माण की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी बाबा साहेब के कंधो पर आई, उन्होंने इस जिम्मेदारी को पूर्ण निष्ठा, भारत के प्रत्येक नागरिक के जीवन को शुलभ बनाने के लिए पुरी दुनिया का सर्वोत्तम संविधान निर्माण किया। बाबा साहेब ने संविधान में अधिकारों के साथ साथ कर्तव्यों को भी प्रमुखता दी है हमे उनके आदर्शो पर चलते हुवे अपने अधिकारों के प्रति सजग रहते हुवे नागरिक के कर्तव्यों का निर्वहन भी प्रमुखता से करना होगा तब ही हम उनके द्वारा निर्मित संविधान को पूर्ण रूप से अंगीकार करने के साथ साथ उनके विश्वास को बनाये रख सकते है। आज हमें जाति में ना बटकर भारतीय होने की आवश्यकता है। बाबा साहेब ने स्वयं कहा था की हम पहले भी भारतीय होंगे एवं अंत में भी भारतीय। क्षेत्र, भाषा से विविधता भरे इस देश में हमें एकता ही सर्वश्रेष्ठ बना सकती है। प्रत्येक नागरिक के मन में भारतीय का भाव जागृत होना ही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी। बाबा साहेब ने जब राष्ट्रीय स्वयंसेवक के नागपुर की शाखा देखी और यह कहा कि यहाँ अनुशासन अच्छा है और जातिगत भेदभाव नहीं दिखा। यह उनके व्यापक दृष्टिकोण को भी दर्शाता वह। साथ ही ऊंच नीच, छुआछूत, अस्पृश्यता, भेदभाव को समाज से मिटाने का आह्वान किया। हिन्दू समाज और बौद्ध समाज को सनातन का एक अभिन्न अंग बताया उन्होंने एक मंदिर, एक श्मशान, एक कुआं का सभी एक साथ उपयोग करें उस हेतु समाज को बताया। कार्यक्रम में नगर खंड के सभी प्रबुद्ध जनों का एवं मातृ शक्ति की उपस्थिति रही।