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बरकटठा में डा. बाबासाहेब अम्बेडकर जयंती हर्षोल्लास से मनाया गया

*नमस्कार मित्रों🙏,*📍आज 14 अप्रैल को हम सब डॉ. भीमराव रामजी अंबेडकर (डॉ. बी. आर. अम्बेडकर) जी की जयंती मना रहे हैं। उन्हें “भारतीय संविधान के निर्माता” के रूप में जाना जाता है, जिन्होंने हमारे समाज में न्‍याय और समानता की नींव रखी। अंबेडकर जी का जीवन संघर्ष और शिक्षा के प्रति उनकी अटूट श्रद्धा आज भी हमें प्रेरित करती है।*
📌कोटा (आरक्षण) के प्रति उनका दृष्टिकोण*📌सामाजिक एवं शैक्षिक पिछड़ेपन की पहचान* डॉ. अंबेडकर जी ने देखा कि भारत के कई समाज-वर्ग दशकों से पिछड़े रहे—उनके पास शिक्षा, स्वास्थ्य और रोज़गार के समान अवसर नहीं थे। उन्होंने इस असमानता को दूर करने के लिए आरक्षण की वकालत की।
📌न्याय और समानता का सिद्धांत*
- उनका मानना था कि सिर्फ कानून बन जाने से असमानता नहीं मिटती, बल्कि सशक्त उपायों की आवश्यकता है। आरक्षण के माध्यम से अनसहित जनों को शिक्षा और नौकरी में आरक्षित सीटें देकर उन्हें मुख्यधारा में लाया जा सकता है।
📌संविधान सभा में उनका योगदान*
- संविधान निर्माण के दौरान डॉ. अंबेडकर जी ने आरक्षण की धाराओं (Article 15(4), Article 16(4)) को संवैधानिक मान्यता दिलवाई। इससे अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग को सरकारी सेवाओं व शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण का अधिकार मिला।
📌समाज में बदलाव की प्रेरणा*
- आरक्षण केवल सरकारी नौकरी या कॉलेज में सीट भरने तक सीमित नहीं है। यह संदेश है“यदि आपको अवसर मिले, तो आप भी अपनी क्षमता दिखा सकते हैं।” आज भी लाखों युवाओं ने आरक्षण की वजह से पढ़ाई और रोजगार के अवसर पाकर अपने जीवन को संवार लिया है।📌आगे का रास्ता*
- हालाँकि आरक्षण ने बहुत से लोगों की दशा बदली है, लेकिन हमारा समाज अभी भी अनेक असमानताओं से जूझ रहा है। हमें डॉ. अंबेडकर जी के आदर्शों को याद रखते हुए शिक्षा, स्वास्थ्य और आर्थिक सशक्तिकरण के लिए निरंतर काम करना होगा। आइए, 14 अप्रैल के इस पावन अवसर पर हम सब मिलकर डॉ. बी. आर. अंबेडकर जी के सपनों को साकार करने की प्रतिज्ञा करें—एक ऐसा भारत बनाएं जहाँ हर व्यक्ति को सम्मान, अवसर और समान अधिकार मिशन।

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