बाड़मेर के ग्रामीण क्षेत्रों के लोग झोलाछाप डॉक्टर के भरोसे कोई चिकित्सा व्यवस्था नहीं
बाड़मेर: पश्चिमी राजस्थान के ग्रामीण इलाकों में चिकित्सा व्यवस्था की बदहाली ने लोगों को झोलाछाप डॉक्टरों के भरोसे छोड़ दिया है।
बाड़मेर, जैसलमेर, जोधपुर जैसे जिलों के गांवों में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र नदारद हैं या फिर वहां दवाइयां, उपकरण और प्रशिक्षित डॉक्टरों का अकाल है। रेगिस्तान की कठिन भौगोलिक परिस्थितियों और खराब सड़कों के चलते दूरस्थ स्वास्थ्य केंद्रों तक पहुंचना, खासकर गर्भवती महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों के लिए, असंभव-सा है। इस बदहाली ने ग्रामीणों को झोलाछापों के पास जाने को मजबूर कर दिया। बिना डिग्री और प्रशिक्षण के ये तथाकथित "डॉक्टर" गांवों में दुकानें चलाते हैं, जहां गलत दवाइयां और इलाज मरीजों की जान जोखिम में डालते हैं। फिर भी, सरकारी तंत्र की विफलता के चलते लोगों के पास कोई विकल्प नहीं। स्वास्थ्य विभाग की उदासीनता और जिम्मेदारों की अनदेखी इस संकट को बढ़ा रही है