
सेंट विवेकानंद मिलेनियम स्कूल के परिसर में आयोजित जादू शो ने छात्रों को मंत्रमुग्ध किया
पिंजौर (चन्द्रकान्त शर्मा)। जादूगर की टोपी से खरगोशों और चित्र से कबूतरों को निकलते हुए देखकर आश्चर्यचकित हो रहे छात्र, जादू दिखाते छोटे-छोटे छात्र जादूगर ऐसे अदभुद वातवरण में सेंट विवेकानंद मिलेनियम स्कूल एचएमटी टाउनशिप, पिंजौर के परिसर में आज एक शानदार जादू का कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें छात्रों ने जादूगर के अद्भुत करतबों का आनंद लिया। कार्यक्रम विद्यालय के नये वार्षिक सत्र की शुरुआत उत्सव का हिस्सा था। छात्रों को न केवल मनोरंजन बल्कि विज्ञान और कल्पना की दुनिया से परिचित कराता है।
कार्यक्रम की शुरुआत विद्यालय की शिक्षिका सुश्री कनिका शर्मा के स्वागत भाषण से हुई, जिसमें उन्होंने छात्रों को कला, संस्कृति और शिक्षा के महत्व पर जोर दिया। इसके बाद जादूगर बलराज ने अपने जादुई कौशल से सभी को स्तब्ध कर दिया। उन्होंने कई दिलचस्प जादुई करतब दिखाए, जिनमें वस्तुएं गायब करना, भविष्य को देखना और अन्य चमत्कारी प्रदर्शन शामिल थे। कई छात्रों को जादूगर के साथ मंच पर जादुई करतब दिखाने का मौका मिला, जिससे यह एक अविस्मरणीय अनुभव बन गया।
कक्षा पाँचवी की छात्रा तन्वी, जो रूमाल से एक रोमांचक करतब के लिए जादूगर के साथ शामिल हुई।कक्षा दूसरी की छात्रा शीतल, जो जादूगर द्वारा उसकी चोटियों से एक रंगीन रिबन निकालने पर आश्चर्यचकित रह गई। कक्षा तीसरी से छठी के छात्रों ने टंग ट्विस्टर “कच्चा कपड़ा पक्का कपड़ा” खेला। छात्रों ने जादू के शो का भरपूर आनंद लिया, जिसमें कई छात्र उत्साह और खुशी से झूम उठे। दर्शकों, खासकर छात्रों, ने शो के दौरान हंसी और आश्चर्य के साथ पूरा समय बिताया।
शो ने न केवल मनोरंजन प्रदान किया, बल्कि छात्रों को यह समझने में भी मदद की कि कला और विज्ञान का संयोजन कैसे अद्भुत परिणाम दे सकता है। इस प्रकार के कार्यक्रम विद्यार्थियों के लिए मानसिक विकास के अवसर प्रदान करते हैं और उनके रचनात्मक दृष्टिकोण को प्रोत्साहित करते हैं।
प्राचार्या डॉ पीयूष पुंज द्वारा कहा गया है कि यदि हम किसी कार्य को एकाग्रता एवं लगन से करते हैं तो हमें सफल होने से कोई भी नहीं रोक सकता। इसका अद्वितीय उदाहरण जादूगर बलराज है जो पिछले 20 वर्षों से अपने हुनर को तराश रहे हैं, जिसका परिणाम आप सभी ने देखा। आप भी यदि लगन और एकाग्रता से कार्य करेंगे तो एक दिन अवश्य सफल होंगे। उन्होंने आगे भी इस तरह के कार्यक्रमों की योजना बनाने की बात कही, ताकि छात्रों को और भी विविधता से भरे अनुभव मिल सकें।