
प्रेस नोट 01
दिनांक: 06-04-2025
*तेलंगाना के 400 एकड़ जंगल एरिया से वनों के कटाव के चलते वन्य जीव संकट*
*महामहिम राष्ट्रपति महोदया को पत्र लिखकर जंगल कटाव पर रोक लगाने की मांग*
*माननीय सुप्रीम कोर्ट को सोओ मोटो के आधार खुद ही निर्णय लेकर रोक लगानी चाहिए*: विर्क
पानीपत 6 अप्रैल , ( दीपक ददलाना ) तेलंगाना राज्य के हैदराबाद स्थित आई.टी पार्क बनाने के नाम पर जंगल के कटाव पर रोक लगाने के लिए महामहिम राष्ट्रपति महोदया से गुहार लगाई है।
मानवाधिकारों के जानकार गांव बोहली निवासी निर्मल सिंह ने पत्र में बताया है । कि तेलंगाना राज्य में आई.टी पार्क बनाने के नाम से पर्यावरण के विपरीत वनों का कटाव किया जा रहा है। जंगल को जेसीबी की सहायता से वन्य जीवों के प्राकृतिक आवास को नष्ट किया जा रहा है। और जंगल से वन्य जीवों को विकास के नाम से खदेड़ा जा रहा है। जिससे वन्य जीव डर के मारे व मानसिक तनाव से इधर उधर भाग रहे हैं।
जंगल का अत्यधिक कटाव होने से वन का हरा भरा क्षेत्र व प्राकृतिक वनस्पति संकुचित होने से वन्य जीवों के जीवन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। आक्रमक होकर वन्य जीव खाने की तलाश में आसपास के क्षेत्र के गांव व घरों में घुस कर मनुष्य जाति पर हमला करेंगे।
श्री विर्क का कहना है कि तेलंगाना की कांग्रेस सरकार तथाकथित अनपढ़ नेता लोग कानून की जानकारी के अभाव में 400 एकड़ जंगल एरिया से विकास के नाम पर जंगल को खत्म करने पर तुले हुए हैं। राज्य सरकार आई.टी पार्क बनाने के लिए जमीन अधिग्रहण या अन्य सरप्लस जमीनों को अन्य विकल्प के तौर पर इस्तेमाल कर सकती है। या अन्य कोई ओर भी उपाय खोजे जा सकते हैं।
भारत देश में जलवायु परिवर्तन को लेकर हालात ज्यादा ठीक नहीं हैं। वनों के कटाव से देश का प्राकृतिक संतुलन ओर अधिक बिगड़ सकता है। भविष्य में मानव जाति की आने वाली पीढ़ियां अत्यधिक हीट वेव और अत्यधिक ठंड को सहन नहीं कर पाएंगी।
*अनुच्छेद 48 ( ए ) राज्य सरकार से उपेक्षा करता है* कि राज्य पर्यावरण की रक्षा और अधिक सुधारने का प्रयास करेगा, तथा देश के वनों व वन्य जीवों की रक्षा के उपाय करेगा।
*वहीं अनुच्छेद 51 ए (जी ) आम नागरिकों से उपेक्षा करता है*। कि प्राकृतिक पर्यावरण में वन और वन्य जीव शामिल हैं। उसकी रक्षा करना व उसे सुधारना एवं प्रत्येक जीव के प्रति दया भाव रखना प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है।
जारी कर्ता
निर्मल सिंह पानीपत
मो नं 92530-22309