मंदसौर जिले में आरटीई के तहत पढ़ाई कर रहे बच्चों की 4 थी का कोर्स 4000 रुपए ये प्राइवेट स्कूल के संचालक चला रहे अपनी दुकानदारी गरीब वर्ग का इंसान जैसे तैसे अपने बच्चों को पड़ा रहा उसका भी स्कूल संचालक ओर शासन भरपूर पैसा कमा रहा आरटीई का नाम देकर
अगर इस तरह से शासन प्राइवेट स्कूल वाले के साथ मिल कर गरीबों का खून चूसता रहेगा तो आने वाले समय में गरीब का बच्चा स्कूल नहीं जाएगा वो भी इनके जैसे सड़कों पर लुट पट्टी ही करेगा दूसरों के साथ
मंदसौर जिले में आरटीई के तहत पढ़ाई कर रहे बच्चों की 4 थी का कोर्स 4000 रुपए ये प्राइवेट स्कूल के संचालक चला रहे अपनी दुकानदारी गरीब वर्ग का इंसान जैसे तैसे अपने बच्चों को पड़ा रहा उसका भी स्कूल संचालक ओर शासन भरपूर पैसा कमा रहा आरटीई का नाम देकर
अगर इस तरह से शासन प्राइवेट स्कूल वाले के साथ मिल कर गरीबों का खून चूसता रहेगा तो आने वाले समय में गरीब का बच्चा स्कूल नहीं जाएगा वो भी इनके जैसे सड़कों पर लुट पट्टी ही करेगा दूसरों के साथ