
उधानिकी का गजब का हाल....माली हो रहे मालामाल।
रोपणी की बजाय माली को पद्दस्त कर रखें विकासखंड कार्यालय मानपुर में !
मध्यप्रदेश उमरिया ! सम्पत प्रजापति उधानिकी विभाग उमारिया में माली के पद पर है लेकिन विकासखंड में जिला अधिकारी व विकासखंड प्रभारी के लिए उगाही का काम करने के लिए ग्रामीण उद्यान अधिकारी के स्थान पर पदस्थापित कर रखा हुआ है जबकि जिले की शासकीय उद्यान रोपाणियों में मालीयो की पदस्थापना है एंव इनके वँहा न होने के कारण किसानों को पौधे तक नहीं मिल रहे। नर्सरी जाने पर नर्सरी में बोल दिया जाता कि हमारे पास मालियों की कमी है जिससे हम पौधे तैयार नहीं कर पाए हैं पौधे के नाम पर भी केवल आम, बिही, आंवला व नींबू का पेड़ पकड़ा दिया जाता है। जिले की रोपनियो में स्व सहायता समूहों की ग्रामीण महिलाओं को पौधे तैयार करवाकर रोजगार देने हेतु मनरेगा योजना संचालित है लेकिन पिछले कुछ वर्षों से जिलाधिकारी की अरुचि व माली न होने के कारण योजना फ्लॉप हो गयी है। और स्व सहायता समूह की बेरोजगार महिलाएं वापस बेरोजगार की बेरोजगार है। कारण रोपनी में माली की कमी। सम्पत प्रजापति पिछले कई वर्ष से भी ज्यादा समय से विकाशखण्ड में पदस्थापित है।
*जिला खनिज मद योजना की निःशुल्क सामग्री को बेचा गया*
जिला खनिज मद से उधानिकी को नोडल नियुक्त करते हुए पात्र कृषको को निशुल्क सामग्री वितरण करना था जिसमे किसानों को बर्मी बेड, लो-टनल, बीज व स्पेयर पंप निशुल्क प्रदान करना था। जबकि सम्पत प्रजापति के द्वारा कई कृषको से 500 से ₹2500 तक पैसा लिया गया, उद्यान विभाग के विकासखण्ड कार्यालय मानपुर में बैठकर सम्पत के द्वारा पैसा लेने का वीडियो भी सामने आया है जिसमें दिख रहा है कि कुर्सी के पीछे से पैसा ले रहे हैं जिसकी जानकारी दूरभाष से जिला अधिकारी श्री झनक सिंह मरावी को भी दी गई थी तथा किसानों द्वारा कई बार जिला अधिकारी को बताया गया है कि उनके द्वारा यहां पर पैसा वसूला जा रहा है लेकिन उसपर कोई कार्यवाही नही की गई।
*प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना में कम्पनी का प्रतिनिधि है सम्पत प्रजापति*
विभाग में संचालित प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना में सम्पत प्रजापति विक्रेता कम्पनी के प्रतिनिधि बनकर किसानों के पंजीयन किए जाते हैं एंव पंजीयन के नाम पर 200 से ₹500 लिए जाते हैं। जबकि किसानों का विभाग में पंजीयन निशुल्क है। इसके बाद किसानों द्वारा कृषक अंश कम्पनी के खाते में ऑनलाइन जमा करने के बाद भी 2000 से ₹3000 खर्चे के नाम पर नगद लिए जाते हैं। ओर सामग्री का वितरण अपने घर से करते हुए किसानों को पाइप देते हैं।
*हरिजन एक्ट की धमकी देता है सम्पत प्रजापति*
यदि किसी किसान द्वारा माली संपत लाल प्रजापति की शिकायत सीएम हेल्पलाइन या लिखित में की जाती है तो उसको हरिजन एक्ट के द्वारा केस करने की धमकी दिया जाता है कि मैं तुम्हारे ऊपर हरिजन एक्ट लगा दूंगा तुम्हारी लाइफ बर्बाद कर दूंगा दबाव बनाकर शिकायत कटवा दी जाती है।
इस तरह से उधानिकी विभाग में शासकीय योजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है जंहा केवल उगाही है, सक्षम व जिला प्रसाशन से अनुरोध है कि उधानिकी में चल रही अनियमितताओ पर संज्ञान लेते हुए कार्यवाही करे ताकि विकाशखण्ड के किसानों के साथ न्यायोचित काम हो।