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ग्रीन बेल्ट पर अवैध निर्माण: पर्यावरण को खतरा

फगवाड़ा : हाल के वर्षों में फगवाड़ा शहर के कई इलाकों में ग्रीन बेल्ट की परवाह किए बिना पक्के निर्माण कार्य किए जा रहे हैं। शहरीकरण के दबाव के कारण सरकारी और निजी स्तर पर इन क्षेत्रों में रिहायशी और व्यावसायिक इमारतें खड़ी की जा रही हैं। कई बार स्थानीय प्रशासन भी इन गतिविधियों पर कार्रवाई करने में असफल रहता है।
ग्रीन बेल्ट का मुख्य उद्देश्य पर्यावरण को संतुलित बनाए रखना, शहरीकरण को नियंत्रित करना और प्राकृतिक सौंदर्य को संरक्षित करना होता है। लेकिन पंजाब में ग्रीन बेल्ट की अनदेखी कर वहां पक्के निर्माण किए जा रहे हैं, जिससे पर्यावरण को गंभीर नुकसान हो सकता है।
ग्रीन बेल्ट का निर्माण वनों की रक्षा, वायु प्रदूषण कम करने, जल स्रोतों को बनाए रखने और जैव विविधता को बढ़ावा देने के लिए किया जाता है। यह क्षेत्र शहरों को हरियाली प्रदान करता है और स्थानीय जलवायु को संतुलित रखने में मदद करता है।

पर्यावरण पर प्रभाव
1. वायु प्रदूषण में वृद्धि – ग्रीन बेल्ट के नष्ट होने से हवा को शुद्ध करने की प्राकृतिक क्षमता कम हो जाती है।
2. जल स्रोतों पर संकट – हरियाली कम होने से भूजल स्तर गिरता है और जलवायु असंतुलित होती है।
3. जैव विविधता पर प्रभाव – कई पक्षी और छोटे जीव-जंतु इन क्षेत्रों पर निर्भर होते हैं। जब ग्रीन बेल्ट समाप्त हो जाती है, तो उनका प्राकृतिक आवास भी खत्म हो जाता है।
4. शहरों में गर्मी बढ़ना – कंक्रीट का जंगल बनने से तापमान में वृद्धि होती है और गर्मी के मौसम में 'हीट आइलैंड इफेक्ट' बढ़ जाता है।

सरकार और प्रशासन की भूमिका
सरकार द्वारा ग्रीन बेल्ट की सुरक्षा के लिए कई नियम बनाए गए हैं, लेकिन उनकी अनदेखी हो रही है। प्रशासन को सख्ती से इन नियमों को लागू करना चाहिए और अवैध निर्माण को रोकने के लिए जुर्माने और दंड जैसी कार्रवाई करनी चाहिए।

नागरिकों की जिम्मेदारी
पर्यावरण को बचाने के लिए आम नागरिकों को भी सतर्क रहना होगा। यदि कहीं ग्रीन बेल्ट पर अवैध निर्माण हो रहा है, तो इसकी सूचना प्रशासन को देनी चाहिए। साथ ही, वृक्षारोपण और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी प्रयास करने चाहिए।

ग्रीन बेल्ट किसी भी शहर के लिए फेफड़ों की तरह काम करती है। यदि इसे बचाने के प्रयास नहीं किए गए, तो आने वाली पीढ़ियों को गंभीर पर्यावरणीय संकट का सामना करना पड़ सकता है। पंजाब में ग्रीन बेल्ट पर हो रहे अवैध निर्माण को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है, ताकि पर्यावरण को बचाया जा सके और भविष्य को सुरक्षित बनाया जा सके।
ग्रीन बेल्ट (Green Belt) पर निर्माण को लेकर नियम राज्य सरकारों और स्थानीय निकायों द्वारा निर्धारित किए जाते हैं। हालांकि, आमतौर पर ग्रीन बेल्ट पर निर्माण प्रतिबंधित होता है, क्योंकि इसका उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण, हरियाली बनाए रखना और शहरीकरण को नियंत्रित करना होता है।

ग्रीन बेल्ट का उद्देश्य
• पर्यावरण संतुलन बनाए रखना
• प्रदूषण कम करना
• कृषि भूमि और जैव विविधता का संरक्षण
• शहरी फैलाव को नियंत्रित करना

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