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*मुजफ्फरनगर नगर पालिका में बड़ा फर्जीवाड़ा: सहायक अभियंता का काला कारनामा*

मुजफ्फरनगर नगर पालिका में एक बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है, जिसमें सहायक अभियंता पर आरोप है कि उन्होंने अपने चहेते ठेकेदारों को लाभ पहुंचाने के लिए पात्रों की निविदाएं कैंसिल कर दीं। इस मामले में 41 सभासदों ने सहायक अभियंता पर अनियमितता का आरोप लगाया था, जिसके बाद ईओ ने जांच शुरू की और फर्जीवाड़ा पाया।

*नगर पालिका की कार्रवाई: सहायक अभियंता को कार्यमुक्त करने की संस्तुति*

नगर पालिका ने इस मामले में कड़ी कार्रवाई की है और सहायक अभियंता को कार्यमुक्त करने की संस्तुति चेयरपर्सन मीनाक्षी स्वरूप से की है। साथ ही, 34 टेंडर निरस्त कर दिए गए हैं। यह कार्रवाई नगर पालिका की पारदर्शिता और भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति को दर्शाती है।

*जांच और आरोप: सहायक अभियंता का काला कारनामा*

सभासदों ने सहायक अभियंता पर आरोप लगाया था कि उन्होंने अपने चहेते ठेकेदारों को लाभ पहुंचाने के लिए पात्रों की निविदाएं कैंसिल कीं। जांच में यह आरोप सही पाए गए, जिसके बाद ईओ ने कार्रवाई की। जांच के दौरान यह पता चला कि सहायक अभियंता ने अपने चहेते ठेकेदारों को लाभ पहुंचाने के लिए कई निविदाएं कैंसिल की थीं।

*नगर पालिका की पारदर्शिता: भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस*

नगर पालिका ने इस मामले में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए कड़ी कार्रवाई की है। नगर पालिका के अधिकारियों ने बताया कि वह भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रहे हैं और किसी भी तरह की अनियमितता को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

*आगे की कार्रवाई: जांच कमेटी का गठन*

नगर पालिका ने इस मामले में आगे की कार्रवाई के लिए एक जांच कमेटी का गठन किया है। जांच कमेटी इस मामले की जांच करेगी और अपनी रिपोर्ट नगर पालिका के अधिकारियों को सौंपेगी। नगर पालिका के अधिकारियों ने बताया कि वह इस मामले में कड़ी कार्रवाई करेंगे और दोषियों को सजा दिलाएंगे।

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