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*इंद्रावती नदी के सूखने से संकट, किसानों की जल संसाधन मंत्री से मुलाकात और समाधान की मांग* छत्तीसगढ़ के जल संसाधन मंत

*इंद्रावती नदी के सूखने से संकट, किसानों की जल संसाधन मंत्री से मुलाकात और समाधान की मांग*

छत्तीसगढ़ के जल संसाधन मंत्री केदार कश्यप से किसानों ने मुलाकात की और इंद्रावती नदी के सूखने के कारण उत्पन्न संकट पर चर्चा की। किसानों का कहना था कि इंद्रावती नदी का जल स्तर घटने से उनके खेतों में पानी की कमी हो गई है, जिससे सैकड़ों एकड़ में उगाई गई मक्का की फसल सूखने की कगार पर है। किसानों ने मंत्री से मांग की कि तत्काल उनकी खड़ी फसलों को बचाने के लिए नाली के माध्यम से पानी उपलब्ध कराया जाए और समस्या के समाधान के लिए सरकार तत्काल कदम उठाए।

किसानों ने अपनी समस्याओं को रखते हुए तीन प्रमुख मांगें उठाईं:

1. सूख चुकी फसलों का सर्वे कर मुआवजा दिया जाए: किसानों ने कहा कि अगर इंद्रावती नदी का जल स्तर कम होने के कारण उनकी फसलें बर्बाद हो रही हैं, तो सरकार को तुरंत फसलों का सर्वे कराना चाहिए और प्रभावित किसानों को मुआवजा देना चाहिए। इससे किसानों को कुछ राहत मिल सकेगी, और वे अपनी समस्याओं से उबरने के लिए कदम उठा सकेंगे।


2. उड़ीसा के खाती गुड़ा बांध और भस्केल मैराज से पानी की आपूर्ति की जाए: किसानों ने मांग की कि इंद्रावती नदी के ऊपरी हिस्से में स्थित उड़ीसा के खाती गुड़ा बांध और भस्केल मैराज से पानी भेजा जाए ताकि पानी की कमी को दूर किया जा सके और फसलों को बचाया जा सके। यह दोनों बांध इंद्रावती नदी के जल स्रोत से जुड़े हुए हैं और उनके माध्यम से पानी की आपूर्ति की जा सकती है।


3. इंद्रावती नदी के सभी एनिकेटो से 10 प्रतिशत पानी बस्तर को दिया जाए: किसानों ने यह भी सुझाव दिया कि इंद्रावती नदी में स्थित सभी एनिकेटो (नदी जल के संचयन के स्थल) से 10 प्रतिशत पानी बस्तर क्षेत्र को दिया जाए, ताकि पानी की कमी दूर हो सके और बस्तर के किसानों की फसलों को सिचाई मिल सके। इस बैठक में जल संसाधन मंत्री केदार कश्यप ने किसानों की समस्याओं को गंभीरता से लिया और कहा कि वह उड़ीसा सरकार से इस मामले पर तत्काल बातचीत करेंगे। उन्होंने यह भी भरोसा दिलाया कि राज्य सरकार इस मुद्दे को प्राथमिकता से लेकर सिचाई संकट को दूर करने के लिए कदम उठाएगी। मंत्री ने कहा कि बस्तर क्षेत्र की जल स्थिति को सुधारने के लिए जल्द ही आवश्यक कदम उठाए जाएंगे और किसानों को राहत देने के लिए हर संभव प्रयास किए जाएंगे। कलेक्टर और जन संसाधन विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक करने का आश्वासन दिया गया है।किसानों की चिंताओं को ध्यान में रखते हुए मंत्री ने यह भी कहा कि राज्य सरकार जल स्रोतों के संरक्षण और बस्तर क्षेत्र में सिंचाई के बेहतर तरीके अपनाने के लिए भी योजना बना रही है। इसके अलावा, राज्य में जल संकट से निपटने के लिए दीर्घकालिक समाधान की दिशा में भी कदम उठाए जाएंगे।फिलहाल, किसानों को उम्मीद है कि जल संसाधन मंत्री की पहल और राज्य सरकार की ओर से शीघ्र समाधान से उनका संकट दूर होगा। अगर इन कदमों को लागू किया जाता है, तो मक्का और अन्य फसलों को बचाने में मदद मिल सकती है, और किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार हो सकता है।किसानों का कहना है कि यह समय उनके लिए बेहद कठिन है, और अगर तत्काल राहत नहीं मिली तो उनकी फसलों के बर्बाद होने से न केवल उनकी आजीविका संकट में आ जाएगी, बल्कि क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था भी प्रभावित होगी। अब यह देखना होगा कि राज्य सरकार किसानों की इस मांग पर कितनी जल्दी और प्रभावी कार्रवाई करती है।इस दौरान लखेश्वर कश्यप, सुभाष कश्यप, हेमराज बघेल, पूरन सिंह कश्यप, मुना कश्यप आदि उपस्थित थे।

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