
नशामुक्ति अभियान
सावधानः अफीम की मनुहार अब नहीं रही परंपरा, पुलिस की नजर में
जोधपुर रेंज के आईजी विकास कुमार ने स्पष्ट शब्दों में कहा, "कहीं भी सार्वजनिक जगह या सभाओं में अब अफीम डोढा देखा तो सीधे जेल
बाड़मेर, जैसलमेर, जालौर, जोधपुर जैसे राजस्थान के कई इलाकों में अफीम और डोडा की मनुहार लंबे समय से सामाजिक परंपरा का हिस्सा रही है। शादी हो या गमी, कोई उत्सव हो या मातम, इन क्षेत्रों में लोग इसे आतिथ्य और सम्मान का प्रतीक मानते आए हैं। लेकिन अब वक्त बदल रहा है। यह काला जहर, जो कभी परंपरा की आड़ में घर-घर में पहुंचता था, अब पुलिस की सख्त नजरों का शिकार बन चुका है। अगर आप भी अपने घर में शादी, मौत या किसी सामाजिक उत्सव के दौरान अफीम की मनुहार करते हैं, तो सावधान हो जाएं। हो सकता है कि कोई सादी वर्दी में ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मी आपके इस "रिवाज" को अपने मोबाइल में कैद कर रहा हो, और आपकी खुशी का रंग फीका पड़ जाए।
हाल ही में जालौर और जोधपुर में हुई पुलिस कार्रवाइयों ने इस बात को साफ कर दिया है कि अब अफीम की मनुहार को लेकर कोई ढील नहीं बरती जाएगी। जालौर पुलिस ने 31 मार्च 2025 को एक सख्त संदेश जारी किया। जोधपुर रेंज के आईजी विकास