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प्रतापगढ़ में ई-रिक्शा अराजकता: हादसों का बढ़ता खतरा, बिना नंबर और कागजात के दौड़ रहे वाहन

प्रतापगढ़: उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा अप्रैल महीने में ई-रिक्शा के लिए चेकिंग अभियान चलाने के आदेश के बावजूद, प्रतापगढ़ जिले में स्थिति जस की तस बनी हुई है। आलम यह है कि जिले में ई-रिक्शा द्वारा हादसों की संख्या लगातार बढ़ रही है, और बड़ी संख्या में ऐसे वाहन सड़कों पर दौड़ रहे हैं जिन पर न तो नंबर प्लेट है और न ही कोई वैध कागजात। सरकार के आदेश के बावजूद अनुपालन न होने से नागरिकों में गहरा रोष है।

उत्तर प्रदेश सरकार ने ई-रिक्शा के संचालन को नियमित करने और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अप्रैल 2025 में विशेष चेकिंग अभियान का आदेश दिया था। इस अभियान में वाहनों के परमिट, फिटनेस, ड्राइवरों के लाइसेंस के साथ-साथ वाहनों पर नंबर प्लेट और अन्य कानूनी दस्तावेजों की जांच भी शामिल थी। हालांकि, प्रतापगढ़ में यह आदेश फाइलों तक ही सीमित नजर आ रहा है।

स्थानीय निवासियों का कहना है कि प्रतापगढ़ की सड़कों पर ई-रिक्शा चालकों की मनमानी चरम पर है। तेज रफ्तार, अचानक मोड़ और गलत साइड से ड्राइविंग आम बात हो गई है, जिसके कारण आए दिन दुर्घटनाएं होती रहती हैं। कई मामलों में तो घायलों को मुआवजा तक नहीं मिल पाता क्योंकि दुर्घटना करने वाले ई-रिक्शा का कोई पंजीकरण ही नहीं होता।

एक स्थानीय निवासी, रमेश कुमार ने बताया, "यहां हर हफ्ते ई-रिक्शा से कोई न कोई हादसा होता रहता है। कल ही एक बुजुर्ग महिला को टक्कर लग गई थी। जब हमने रिक्शा चालक से पूछा तो उसने बताया कि उसके पास कोई कागज नहीं है और गाड़ी भी किसी और की है।"

सबसे चिंताजनक बात यह है कि प्रतापगढ़ की सड़कों पर बड़ी संख्या में ऐसे ई-रिक्शा चल रहे हैं जिन पर नंबर प्लेट ही नहीं है। इसके अलावा, कई चालकों के पास वाहन चलाने का वैध लाइसेंस भी नहीं है। ऐसे में यदि कोई दुर्घटना होती है तो वाहन और चालक की पहचान करना मुश्किल हो जाता है, जिससे पीड़ितों को न्याय मिलना कठिन हो जाता है।

सरकार के आदेश के बावजूद प्रतापगढ़ में इस स्थिति पर कोई कार्रवाई न होने से सवाल उठ रहे हैं। क्या स्थानीय प्रशासन ई-रिक्शा माफिया के दबाव में काम कर रहा है? या फिर उनके पास संसाधनों की कमी है जिसके चलते वे प्रभावी चेकिंग अभियान नहीं चला पा रहे हैं?

स्थानीय नागरिकों ने जिला प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि यदि जल्द ही बिना नंबर और बिना कागजात वाले ई-रिक्शा पर लगाम नहीं लगाई गई और यातायात नियमों का पालन सुनिश्चित नहीं किया गया तो स्थिति और भी भयावह हो सकती है। उन्होंने सरकार से भी इस मामले में हस्तक्षेप करने और प्रतापगढ़ में तत्काल प्रभावी चेकिंग अभियान शुरू कराने की अपील की है ताकि हादसों को रोका जा सके और नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

यह देखना होगा कि प्रतापगढ़ प्रशासन कब इस गंभीर समस्या पर ध्यान देता है और कब जिले की सड़कों पर नियमों का राज स्थापित होता है।

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