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सरकार द्वारा प्रस्तावित “वक्फ संशोधन एक्ट” के समर्थन तथा “वक्फ बोर्ड” को पूरी तरह निरस्त करने की मांग को लेकर आयोजित महापंचायत में उमड़ी भारी भीड़ !

(ओवैसी भविष्य का जिन्‍ना, सरकार कार्यवाई करे तथा वक्फ बोर्ड की संपत्ति अधिग्रहित करे – अनिल चौधरी)

आज रविवार, 30 मार्च 2025 को सरकार द्वारा प्रस्तावित “वक्फ संशोधन एक्ट” के समर्थन तथा “वक्फ बोर्ड” को पूरी तरह निरस्त करने की मांग को लेकर “जनसंख्या समाधान फाउन्डेशन” के आह्वान पर जंतर-मंतर पर आयोजित महापंचायत में लोगों की भारी भीड़ उमड़ी। महापंचायत में देशभर से आए विभिन्‍न संगठनों के कार्यकर्ताओं एवं आम लोगों ने एक राय होकर “वक्फ बोर्ड” रद्द किए जाने की मांग की | इस आशय का एक ज्ञापन भी माननीय प्रधानमंत्री जी एवं गृहमंत्री, भारत सरकार तथा भारत की माननीय राष्ट्रपति जी के नाम सौंपा गया।

“जनसंख्या समाधान फाउन्डेशन” के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल चौधरी ने पंचायत में अपनी बात रखते हुए कहा कि विभाजन के पश्चात पाकिस्तान चले गए मुस्लिमों की संपत्ति को तत्कालीन भारत सरकार द्वारा 1954 में यहां के मुसलमानों को दे दिया गया तथा 1955, 1995 एवं 2013 में इस कानून में हुए संशोधनों के कारण संपत्तियों पर दावा करने के असीमित अधिकार बोर्ड को मिल गए। परिणामस्वरूप “वक्फ बोर्ड” द्वारा देशभर में अन्य धर्मावलंबियों की जमीनों पर अवैध कब्जों की बाढ़ आ गई है। इन अवैध कब्जों की आपत्ति भारत के किसी भी कोर्ट में ना होकर “वक्फ बोर्ड ट्राइब्यूनल” में ही अपील करने की बाध्यता से आज “वक्फ बोर्ड” भारतीय सेना और रेलवे के बाद सबसे अधिक भूमि का मालिक बन गया है।

महापंचायत के सह आयोजनकर्ता पिंकी चौधरी, प्रीत सिरोही, मंचासीन महंत नवल किशोर दास, स्वामी दीपांकर महाराज तथा विभिन्‍न संगठनों और समाज के गणमान्य लोगों ने पंचायती विमर्श में पाया कि सरकार द्वारा एक ओर मन्दिरों से पैसा लेने और दूसरी ओर बोर्ड कर्मचारियों को वेतन-भत्ते सहित भिन्न-भिन्न प्रकार के अनुदान देने से संविधान प्रदत्त सभी धर्मों की बराबरी के अधिकार का घनघोर उल्लंघन हो रहा है। इसलिए महापंचायत ने एक स्वर में तय किया कि पूर्व में धार्मिक आधार पर विभाजित हो चुके भारत देश में वक्फ जैसे विभाजनकारी बोर्ड को निरस्त करके उसकी तमाम संपत्तियों को सरकार द्वारा अधिग्रहित किया जाए तथा इस संपत्ति का उपयोग हॉस्पिटल एवं स्कूल-कॉलेज आदि सार्वजनिक हितों के लिए करने के साथ-साथ समाज के दलित-वंचित वर्ग में आवश्यकतानुसार वितरित किया जाए।

पंचायत का संचालन “जनसंख्या समाधान फाउन्डेशन” एवं “राष्ट्रीय हिन्दू फ्रंट” की राष्ट्रीय संयोजक एवं कश्मीरी विस्थापित ममता सहगल ने किया तथा: सहयोग राष्ट्रीय महासचिव धर्मेन्द्र धामा, नरेन्द्र त्यागी, कृष्ण मुरारी, वंदना त्यागी, सुधीर शर्मा, रामबाबू धामा, कविता सिरोही, महेश आहूजा, नेपाल सिंह, शैलेश तोमर, मूपैन्द्र चौधरी, सुनील चंद्र तिवारी, गब्बर चौहान, राजेन्द्र गुर्जर, दीपक विधूड़ी एवं कविता गहलौत सहित सैंकड़ों कार्यकर्ताओं ने किया।

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