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शहर का दुश्मन कौन,रेड सिग्नल,ठेला वाले,या रोड पर अपनी भोकाल दिखाने वाले गाड़ी वाले ?

राजेश सोनी रीवा शहर...........
इस शहर का आखिर दुश्मन कौन कौन है वह व्यक्ति कौन है वह जो यह चाहता है कि शहर में आप व्यवस्थाएं और खौफ का साम्राज्य बरकरा रहे जिस हिसाब से शहर को स्वच्छ सुंदर और अतिक्रमण मुक्त बनाने के लिए प्रशासन अपनी एड़ी चोटी का भी दम लगा रही है वहीं इसे मुंह चढ़ना यह लोग जो न्यू की धज्जियां उड़ाते हुए व्यवस्थाओं को चौपट करने में कोई भी कोर कसर नहीं छोड़ते यह लोग शहर के सभी रास्तों पर बेधड़क बेपरवाह किसी का खौफ न होने कानून की कोई भी डर भय ना होना आम जनता के लिए वह शहर के लिए घटक बनी हुई है जिस हिसाब से शहर का समग्र विकास किया जा रहा है उसे हिसाब से यह लोग शहर को और भी नुकसान पहुंचा रहे हैं आए दिन कहना यह बहुत गलत होगा यहां तो रोज का ट्रैफिक जाम बना रहता है करण रोड में ठेले की सब्जी बेचने वाले फल बेचने वाले इन्हें कहीं पर भी आप देख सकते हैं उनके सामने ट्रैफिक में लगे हुए पुलिस ना के बराबर है यह रोड़ों में खुलेआम भी सड़क पर फलों के ठेले लगाकर कपड़ों के ठेले लगाकर यातायात को प्रभावित करते हैं इनके कारण यातायात कई घंटे तक चौपट रहता है लोगों को आने-जाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है ऐसे ठेला वालों को रेडी पट्टी वालों को कानून का कोई भय नहीं है दूसरा सबसे बड़ा कारण शहर में यातायात को सुगम करने के लिए तीन पहिया वाहन जो की एक स्थान से दूसरे स्थान जाने के लिए लोगों के सुविधा के लिए चलते हैं लेकिन इन वाहनों में आए दिन किसी न किसी प्रकार की घटनाएं आती हैं वह देखने को मिलती हैं और उनके मनमानी रवैया से चलने वाले इन तीन पहिया वाहन को के कारण यातायात चौपट हो रखी है इनके कारण कहीं पर भी वहां को रोक कर खड़ा कर देना ऑटो स्टैंड में गाड़ी को न खड़ा करना हुआ मनमानी तरीके से किसी भी जगह सवारी बैठना जिसके चलते घंटा यातायात बाधित रहता है वह कभी-कभी तो इनके कारण कई घंटे तक जाम में जीवन दानी एंबुलेंस भी फंसी रहती हैं इन सब के बावजूद भी शहर में तीसरा पहलू उन लोगों के लिए है जो कि समाज के जिम्मेदार वह अधिकारी वर्ग के लोग हैं जो लोग गाड़ियों पर नेम प्लेट लगाकर अपना भोपाल अपना साम्राज्य अपनी अकड़ को दिखाने के लिए कहीं पर भी गाड़ी को पार्क करना और उसके कारण लोगों के इसका गलत है सर पढ़ना घंटों जाम की स्थिति बना वह इसकी अगर किसी के द्वारा विरोध किया जाए तो यहां तक है कि झगड़ा और मारपीट की भी स्थिति बन जाती है अमूमन ऐसा देखा जाता है हमें अपनी सोच अपनी नियत को बदलना होगा नियमों को मनाना नियमों का पालन करना और सबसे ज्यादा अहम भूमिका कानून व्यवस्था का पालन करवाने वाले कानून के लोग सिपाही है जो उन चौराहे पर अपनी ड्यूटी निभाते हैं अगर हर व्यक्ति अपनी जूमेदारी को समझने लगे तो शायद रीवा शहर को स्वच्छ सुंदर और आकर्षक बनाने में देर न लगे
आइये हम लोग सब मिलकर अपनी जिम्मेदारी और कर्तव्य को समझें और शहर को स्वच्छ सुंदर बनाने में अपनी सहभागिता सुनिश्चित करें

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