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मई तक पूरा हो सकता है वाराणसी रोपवे के पहले चरण का काम, कैंट, काशी विद्यापीठ और रथयात्रा स्टेशनों पर शुरू होगा संचालन

वाराणसी। देश के पहले अर्बन ट्रांसपोर्ट रोपवे परियोजना का काम शहर में तेजी से चल रहा है। मई तक पहले चरण का काम पूरा होने की उम्मीद है। पहले कैंट, काशी विद्यापीठ और रथयात्रा स्टेशनों पर संचालन शुरू होगा। रोपवे शुरू होने के बाद वाराणसी में जाम की समस्या से काफी हद तक निजात मिलेगी।

वाराणसी विकास प्राधिकरण की निगरानी में नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) इस परियोजना को पूरा कर रही है। शुरुआत में कैंट, महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ और रथयात्रा स्टेशनों से संचालन प्रारंभ होगा। चौथे और पांचवें स्टेशनों पर भी तेजी से काम चल रहा है, लेकिन पिलर नंबर 29 को लेकर विवाद सुप्रीम कोर्ट में लंबित है।

नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया के अधिकारियों के अनुसार रोपवे का 80% काम पूरा हो चुका है और शेष 20% कार्य फिनिशिंग का बचा है। मई के पहले सप्ताह तक इस प्रोजेक्ट को हर हाल में पूरा करने का निर्देश दिया गया है।

बनारसी संस्कृति की झलक
हर स्टेशन को बनारस की सांस्कृतिक विरासत के अनुरूप एक अनोखा रूप दिया जा रहा है। कैंट रेलवे स्टेशन पर मंदिर नुमा शिखर होगा, विद्यापीठ स्टेशन पर भगवान शंकर की मूर्ति और रथयात्रा स्टेशन पर त्रिशूल एवं डमरू के साथ बाबा विश्वनाथ की छवि उकेरी जा रही है। स्टेशन की दीवारों और फर्श पर चुनार के पत्थर लगाए जा रहे हैं ताकि उन्हें पारंपरिक बनारसी स्थापत्य का रूप दिया जा सके।



हाईटेक सुविधाओं से लैस होंगे रोपवे स्टेशन
मुंबई के विशेषज्ञ इंटीरियर डिजाइनरों की टीम इस प्रोजेक्ट को फाइनल करने में जुटी हुई है। रोपवे स्टेशन मेट्रो स्टेशनों की तर्ज पर डिज़ाइन किए जा रहे हैं। रोपवे स्टेशनों पर डिजिटल टिकट और डिजिटल एंट्री पॉइंट होंगे, जिससे ऑटोमैटिक स्कैनिंग के बाद प्रवेश मिलेगा। 14 एलीवेटर और 13 एक्सेलेटर लगाए जा रहे हैं। प्रत्येक स्टेशन पर तीन टिकट काउंटर और पांच वेंडिंग मशीनें उपलब्ध रहेंगी। यात्रियों के लिए वेटिंग हॉल, फूड कोर्ट, किड्स ज़ोन और हाईटेक शौचालयों की भी व्यवस्था होगी।

ऑटो रिक्शा के किराये में रोपवे का सफर
माना जा रहा है कि रोपवे का किराया ऑटो रिक्शा के बराबर होगा। कैंट से गोदौलिया तक का किराया लगभग 60 रुपये होगा। कैंट से रथयात्रा तक का किराया लगभग 40 रुपये होगा।


810 करोड़ की लागत से बन रही ऐतिहासिक परियोजना
810 करोड़ रुपये की लागत से बन रही इस रोपवे परियोजना का पहला चरण कैंट, भारत माता मंदिर, विद्यापीठ और रथयात्रा स्टेशनों को कवर करता है। यहां स्टेशन के पास अलग से पार्किंग सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी ताकि यात्रियों को असुविधा न हो। प्रत्येक स्टेशन पर अलग-अलग सुविधाएं होंगी। कैंट स्टेशन पर 6 लिफ्ट, 4 एस्केलेटर, 1 टिकट काउंटर, 3 वेंडिंग मशीनें लगाई जाएंगी। काशी विद्यापीठ स्टेशन पर 4 लिफ्ट, 4 एस्केलेटर, 1 टिकट काउंटर, 1 वेंडिंग मशीन, रथयात्रा स्टेशन पर 4 लिफ्ट, 5 एस्केलेटर, 3 टिकट काउंटर, 5 वेंडिंग मशीनें लगाई जाएंगी।

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