logo

सुखद मिलाप

सुखद मिलाप--

सुंदर सुखद कुछ क्षण
होते जीवन में मधुरम।
मन के अन्तःकरण में है हलचल
सुमधुर बातों से प्रफुल्लित है अन्तर्मन।
प्रेम सिर्फ दो जुगलबंन्दो की नहीं होती
प्रेम मानवता, आशाओं और समर्पण की भी होती।
नित नित मन साध रहे हैं सम्भावनाओं की
कोशिश है नये रंग मे नई उड़ान भरने की।
नई ताजगी नई दिशा में अब जाना है
साहित्य जगत में अपनी भी पहचान बनाना है।
मिला जिसमें एक सुंदर सुशील मसिहा
उसने जीवन में नई ताजगी नई आशाएं भर दिया।
शुक्रिया ऐ मित्र !तहे दिल से शुक्रिया।
ईश्वर ने मुझे नया आयाम भर दिया।
सिपाली गुप्ता
पश्चिम बंगाल

2
39 views