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बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर ने तीसरे दिन लगाया दिव्य दरबार

मेरठ। बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्रीने श्री हनुमंत कथा को गुरुवार को तीसरे दिन अपना दिव्य दरबार लगाया। उन्होंने लोगों की अर्जी पढ़ी। पंडित धीरेंद्र ने एक महिला से कहा- पहले हम दुश्मन का नाम बता देते थे तो कई अदालतों में हमारा पर्चा भी लग गया। अब हम समझदार हो गए।

एक महिला अपने बेटे के भविष्य को लेकर चिंतित थी। बागेश्वर बाबा ने महिला से कहा- बेटे ने ऑनलाइन सट्टा खेला है। बेटे से कहो, व्यापार करे अपना। मकान का काम रुककर करना। इसके बाद 'भूत पिशाच निकट नहीं आवै, महावीर जब नाम सुनावे' ये दोहा पढ़ा।

इसके बाद भीड़ से एक युवक को बुलाया। कहा-प्रेत को मार लगाई जाए। फिर उससे कहा कि तुम मुठ्ठी बांध लो। ज्यादा बोले तो गुर्दा छील देंगे। चुप आवाज नहीं आए। मैंने बड़े-बड़े प्रेतों को ठीक किया है, तुम क्या हो।
उन्होंने कई श्रद्धालुओं को बुलाकर उनकी अर्जी पढी और उनकी समस्याओं का समाधान करते हुए आशीर्वाद दिया।

जागृति विहार एक्सटेंशन मेरठ में आयोजित श्री हनुमंत कथा में विश्वविख्यात पूज्य श्री धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री जी (बागेश्वर धाम सरकार) के श्रीमुख से श्री हनुमंत कथा सुनने के लिये गुरूवार को तीसरे दिन भी भक्तों की भारी भीड कथा स्थल पर प्रातः से ही जुटनी शुरू हो गई।

वहीं बागेश्वर महाराज से आशीर्वाद लेने व कथा सुनने के लिये राज्यसभा सांसद डा0 लक्ष्मीकांत वाजपेयी, कैंट विधायक अमित अग्रवाल, एडको डवलपर्स के निदेशक वरूण अग्रवाल, शहर के प्रमुख शिक्षाविद् संजय कुमार, पूर्व महानगर अध्यक्ष मुकेश सिंघल, रामकुमार शर्मा एडवोकेट आदि उपस्थित रहे। कथा आयोजक नीरज मित्तल, संजय त्रिपाठी, गणेश अग्रवाल आदि ने सभी का स्वागत किया।







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