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गली - मोहल्लो सहित होटल - ढाबों मे परोसी जा रही अवैध शराब, क्या वास्तव मे जिला मुख्यालय से हो रही ठेके कि भरपाई..?


डिंडोरी -- जिला मुख्यालय मे अवैध शराब का कारोबार जमकर फल - फूल रहा है, आलम यह है कि गुमटीनुमा पान दुकानों और किराना दुकानों सहित शहर के इर्द - गिर्द अधिकांश होटल - ढाबों मे खुलेआम अवैध शराब परोसी जा रही है, वह भी तब जब पवित्र नर्मदा तट पर शराब कारोबार पूरी तरह प्रतिबंधित है। इस बात का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैँ कि प्रतिबन्ध के बाद से ही अवैध शराब का कारोबार प्रशासन द्वारा रोक लगाए जाने के तमाम प्रयासों के बावजूद बदस्तूर जारी हैँ। और थाना कोतवाली द्वारा विगत तीन माह मे कि गई ताबड़तोड़ कार्यवाही भी कुछ ऐसा ही बयां करती है।

मुख्यालय से हो रही ठेके कि भरपाई -- आपको बता दें कि विगत वर्ष जिले मे संचालित देशी - विदेशी मदिरा कि पांच दुकानों का ठेका 29 करोड़ 21 लाख 75 हजार 957 रु था तो 2025 मे ठेके कि लागत 20 प्रतिशत के साथ बढ़कर 35 करोड़ 6 लाख 11 हजार 199 ₹ हो गई। और ठेके कि यह भारी भरकम राशि जिले मे संचालित 5 दुकानों से तो नहीं कि जा सकती, ऐसे मे शराब कारोबारी ने तमाम तरह के हथकंडे अपनाकर जिला मुख्यालय को अवैध शराब का गढ़ बना लिया है। और ठेके कि अधिकाश राशि कि भरपाई भी जिला मुख्यालय से ही कि जा रही है।

अवैध शराब बनी रोजगार का जरिया -- यदि हम यह कहे कि सिर्फ और सिर्फ ठेकेदार द्वारा अवैध शराब जिला मुख्यालय मे परोसी जा रही है तो यह गलत होगा। बुधवार के दिन वार्ड क्रमांक - 5 मे भाजपा कार्यकर्ता के घर पर कि गई कार्यवाही और समय - समय पर कोतवाली पुलिस द्वारा पकड़ी गई अवैध शराब भी इस बात का प्रमाण है कि युवाओं ने अवैध शराब के कारोबार को रोजगार का जरिया बना लिया है और जिला मुख्यालय मे दुसरे अन्य जिलों से आ रही अवैध शराब को भी जिला मुख्यालय मे खपाया जा रहा है।

बैच नंबर के आधार पर हो कार्यवाही -- हाल - फिलहाल कोतवाली पुलिस द्वारा अब तलक जितनी भी कार्यवाहयां कि गई हैँ संभवतः उनमे शराब बोतलों कि सील और बैच नंबर के आधार पर अब तलक कार्यवाही नहीं कि गई, यदि समय रहते शराब के इस अवैध कारोबार पर लगाम लगाना है तो अब तलक जितनी शराब पकड़ी गई है, उनमे बैच नंबर के आधार पर भी आगे कि कार्यवाही कि जानी चाहिये कि इस अवैध कारोबार मे संलिप्त हो कौन - कौन राज्य सरकार को करोड़ों कि चपत लगा रहा है।

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