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दूसरे के दुख को देखकर दुखी हो वही जीवन का सच्चा मित्र - चेतनराम जी महाराज

सवाई माधोपुर, अग्रसेन नगर में में आयोजित हो रही श्रीमद् भागवत कथा में गुरुवार को कथा व्यास श्री चेतनराम जी महाराज साहित्यचार्य ने श्री कृष्ण सुदामा चरित्र, सुखदेव विदाई,ओर परीक्षित मोक्ष की कथा का वर्णन किया। इस अवसर पर श्री कृष्ण सुदामा जी की सजीव झांकी सजाई गई । कथा का वाचन करते हुए श्री चेतनराम जी महाराज साहित्यचार्य ने बताया की मित्रता हो तो श्री कृष्ण सुदामा जैसी हो जो सुख-दुख में एक समान रहे । सच्चा मित्र वही होता है जो दूसरे के दुख को देखकर दुखी हो । उन्होंने कहा कि भागवत में चारों युगों की कथा है।( सतयुग, त्रेता युग,द्वापर युग ओर कलियुग ) कलियुग में भगवान का नाम संकीर्तन ही सार है। मनुष्य को भगवत चिंतन करते रहना चाहिए। उत्तर पूजन के साथ भागवत कथा का विश्राम हुआ।

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