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कोटा में अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष 2025 के उपलक्ष में विचार गोष्ठी आयोजित।

कोटा। अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष 2025 के उपलक्ष्य में कोटा बूंदी दुग्ध सहकारी संघ लि. कोटा द्वारा "विचार गोष्ठी" का आयोजन सरस सभागार में किया गया। इस कार्यक्रम में कोटा-बूंदी के पशुपालकों, किसानों,दुग्ध समितियों के सचिव, सरस डेयरी के कर्मचारियों व अधिकारियों के साथ-साथ सहकारिता क्षेत्र के विशेषज्ञों ने भाग लिया। बैठक की अध्यक्षता सरस डेयरी अध्यक्ष चैनसिंह राठौड़ ने की।

सहकारिता के लाभ और सरकारी योजनाओं की जानकारी
बैठक में अध्यक्ष चैनसिंह राठौड़ ने सहकारिता के विभिन्न लाभों को रेखांकित करते हुए सरकार द्वारा संचालित योजनाओं की जानकारी दी। उन्होंने किसानों और पशुपालकों को सहकारी योजनाओं से जुड़ने के लिए प्रेरित किया और बताया कि सहकारी संस्था सरस डेयरी के माध्यम से कृषकों को अधिक आर्थिक सहायता, बाजार सुविधा और तकनीकी सहायता प्राप्त हो रही है।

केंद्रीय नेतृत्व और सहकारिता की भूमिका
राठौड़ ने अपने संबोधन में कहा, "केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह और राज्य सहकारिता राज्य मंत्री गौतम कुमार दक के विजन को पूरा करने के लिए हम सभी को एकजुट होकर कार्य करना होगा। हमारी सहकारी समितियों को अपने कार्यों को कुशलतापूर्वक निभाना चाहिए, और अधिकारी उन्हें हर संभव सहायता प्रदान करें।" उन्होंने सहकारी समितियों को मजबूत करने और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने पर विशेष जोर दिया।

रोजगार के नए अवसर और ग्रामीण विकास
राठौड़ ने बताया कि सहकारी समितियों और ग्राम सेवा सहकारी समितियों (जीएसएस) के माध्यम से रोजगार के नए अवसर उत्पन्न करने की अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में सहकारिता के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि सहकारी आंदोलन केवल आर्थिक विकास तक सीमित नहीं है, बल्कि यह सामाजिक एकता और ग्रामीण सशक्तिकरण को भी बढ़ावा देता है।

सहकारिता आंदोलन को आगे बढ़ाने का संकल्प
गोष्ठी में उपस्थित विशेषज्ञों और अधिकारियों ने सहकारी आंदोलन को आगे बढ़ाने के लिए सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि सहकारी समितियों के सुदृढ़ीकरण से न केवल किसानों की आय में वृद्धि होगी, बल्कि आत्मनिर्भरता को भी प्रोत्साहन मिलेगा। कार्यक्रम के दौरान सहकारिता से जुड़े कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर विचार-विमर्श किया गया और भविष्य में इसे और अधिक प्रभावी बनाने की योजनाओं पर चर्चा की गई।
इस अवसर पर विभिन्न वक्ताओं ने सहकारी आंदोलन को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए प्रतिबद्धता जताई और सभी को सहकारी संगठनों के साथ मिलकर कार्य करने के लिए प्रेरित किया।

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