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विश्वविद्यालय अंग्रेजी विभाग के तत्वावधान में आगामी 12 एवं 13 अप्रैल को होगा अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस-2025 का आयोजन


विश्वविद्यालय अंग्रेजी विभाग के तत्वावधान में आगामी 12 एवं 13 अप्रैल को होगा अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस-2025 का आयोजन

भाषा, साहित्य और समाज : समकालीन दृष्टिकोण' विषयक कॉन्फ्रेंस में इएलटीएआई का मिथिला चैप्टर रहेगा सहयोगी

*कॉन्फ्रेंस की रूपरेखा की तैयारी के उद्देश्य से अंग्रेजी विभागाध्यक्ष की अध्यक्षता में हुई आयोजन समिति की महत्वपूर्ण बैठक*

ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा के विश्वविद्यालय अंग्रेजी विभाग तथा इंग्लिश लैंग्वेज टीचर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (इएलटीएआई) के मिथिला चैप्टर के संयुक्त तत्वावधान में आगामी 12 एवं 13 अप्रैल को "लैंग्वेज, लिटरेचर एण्ड सोसाइटी : कंटेंपरेरी पर्सपेक्टिवस" विषय पर जुबली हॉल में इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस-2025 का आयोजन हाइब्रिड मोड में किया जाएगा, जिसमें भाग लेने के लिए शिक्षक, पेशेवर, शोधार्थी एवं विद्यार्थी अपना पंजीयन कराने हेतु विश्वविद्यालय अंग्रेजी विभाग से संपर्क कर सकते हैं।
कॉन्फ्रेंस की रूपरेखा की तैयारी के उद्देश्य से स्नातकोत्तर अंग्रेजी विभाग में विभागाध्यक्ष प्रो मंजू राय की अध्यक्षता में आयोजन समिति की एक महत्वपूर्ण बैठक हुई, जिसमें प्रो पुनिता झा, डॉ अमरेन्द्र शर्मा, डॉ संकेत कुमार झा, डॉ शांभवी, डॉ ज्योत्सना कुमारी, डॉ अखिलेश्वर कुमार सिंह, डॉ नवीन कुमार सिंह, डॉ आर एन चौरसिया, डॉ कृष्णानंद मिश्र, डॉ योगेश्वर साह, डॉ विमलेश चौधरी, शोधार्थी- ज्योति, त्रिदीप दास, गुड्डू कुमार राय, शशांक कुमार भारती, उत्सा निषाद आदि ने भाग लिया।
आयोजन समिति के अध्यक्ष प्रो मंजू राय ने बताया कि इस सम्मेलन का उद्देश्य समाज में भाषा और साहित्य की बदलती भूमिकाओं पर विद्वानों के बीच चर्चा को बढ़ावा देना है। साथ ही इस मंच पर विद्वान, शिक्षक, शोधकर्ता तथा विद्यार्थी आदि तेजी से बदलती दुनिया में भाषा और साहित्य की प्रासंगिकता पर भी अपने विचारों को साझा करेंगे। अपने समृद्ध सांस्कृतिक एवं ऐतिहासिक विरासत के लिए प्रसिद्ध दरभंगा शहर साहित्यिक योगदानों, कलात्मक परंपराओं और शिक्षण-संस्थानों के लिए जाना जाता है। यहां की प्रसिद्ध मिथिला पेंटिंग्स, ऐतिहासिक धरोहरें और मां सीता की जन्मस्थली जनकपुर की काफी प्रसिद्ध रही है। प्रो मंजू ने बताया कि इस सारस्वत शैक्षणिक आयोजन में यूनिवर्सिटी ऑफ द वेस्टर्न कप, दक्षिण अफ्रीका से प्रो शिवकुमार शिवसुब्रमण्यम, लीड्स बेकेट यूनिवर्सिटी, यूनाइटेड किंगडम से डॉ नईमा हन्न, किंग सऊद यूनिवर्सिटी, सऊदी अरब से प्रो सैयद सरवर हुसैन, आईआईटी, मद्रास से प्रो श्रीश चौधरी एवं प्रो राजेश कुमार, आईआईटी, रुड़की से प्रो विनोद मिश्रा, वीआईटी, चेन्नई से प्रो राजसेकरन वी, बी आर ए बिहार विश्वविद्यालय, मुजफ्फरपुर से प्रो मधु शालिनी, जेपी विश्वविद्यालय, छपरा से प्रो उदय शंकर ओझा तथा वनस्थली विद्यापीठ से प्रो वीरेंद्र के मिश्रा आदि प्रतिष्ठित वक्ता शामिल होंगे।
कॉन्फ्रेंस के कन्वेनर डॉ शांभवी ने कहा कि सम्मेलन के लिए शोध-सारांश तथा शोध-पत्र आमंत्रित किए गए हैं। चयनित शोध पत्रों को संपादित ग्रंथ में प्रकाशित किया जाएगा। यह सम्मेलन शैक्षणिक जगत और समाज को जोड़ने का प्रयास करेगा, जिसमें साहित्य और भाषाविज्ञान में उभरते रुझानों पर चर्चा, इंटर डिसीप्लिनरी सहयोग को बढ़ावा देना तथा युवा शोधकर्ताओं को प्रभावी शोध में संलग्न करना आदि शामिल है। ऑर्गेनाइजिंग सेक्रेट्री डॉ संकेत कुमार झा ने बताया कि यह इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस एक महत्वपूर्ण शैक्षणिक आयोजन बन रहा है जो बौद्धिक आदान-प्रदान और सांस्कृतिक समृद्धि को बढ़ावा देगा। इस सम्मेलन में भाग लेने तथा इससे जुड़ी अधिक जानकारी के लिए इच्छुक व्यक्ति विश्वविद्यालय अंग्रेजी विभाग या आयोजन समिति के सदस्यों से संपर्क कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि अंग्रेजी के विद्वान एवं शोधकर्ता सम्मेलन में विचार-विमर्श कर समकालीन संदर्भ में भाषा और साहित्य की परिवर्तनकारी शक्तियों को उजागर करेंगे।

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