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महिला काव्य मंच (मन से मंच तक ) कि मासिक गोष्ठी हुई

मेरठ - महिला काव्य मंच (मन से मंच तक) मेरठ इकाई की मार्च माह की मासिक गोष्ठी हुई! 500 वर्ष पुराना सिद्ध पीठ प्राचीन श्री चंडी देवी मंदिर ट्रस्ट नौचंदी मैदान मेरठ पर भव्यता से संपन्न हुई ! मंदिर के पीठाधीश आदरणीय बडे भाई संजय शर्मा ने पुरातन मंदिर की सारी विशेषताएं बताई व आगे महिला काव्य मंच को इस मंदिर में काव्य गोष्ठी करने का आमंत्रण दिया !
अति विशिष्ट अतिथि वैभव शर्मा ने अपनी वाणी का ऐसा जादू बिखेरा कि सारा सभागार राममय से गुंजायमान हो गया!
यह गोष्ठी शहीद दिवस और नवरात्रों के उपलक्ष में आयोजित की गई ।
कार्यक्रम की अध्यक्षता सुषमा 'सवेरा' की रहीं । मुख्य अतिथि मेरठ की प्रतिष्ठित कवयित्री अलका गुप्ता 'भारती' रहीं। गाज़ियाबाद वसुंधरा से आयीं विशिष्ट अतिथि शालिनी मिश्रा व मनोज शर्मा
रहें।गाज़ियाबाद से पधारें अति विशिष्ट अतिथि वैभव शर्मा रहें ।
कार्यक्रम का शुभारंभ सभी अतिथियों द्वारा माँ सरस्वती को माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलित करके किया गया । ****************************
पहली बार आयी बालिका कवयित्री कोमल द्वारा सरस्वती वंदना की गई !जिसे खूब सराहना मिली!
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अध्यक्षा सुषमा 'सवेरा' ने कहा -
एक आस लिए कब से,
बैठी हूँ तेरे दर पे।
ममता से भरा रख दे,
तू हाथ मेरे सर पे।
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महासचिव रेखा गिरीश' ने कहा -
नमन शत् शत् शहीदों को, वतन पर जां लुटा जाते।
वतन है जान से बढ़कर, फिदा होकर बता जाते।
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मुख्य अतिथि अलका गुप्ता 'भारती' ने कहा - वतन को प्यार हैं करते,बसा अपनी हृदय धड़कन ।
नवाएं शीश श्रद्धा से ,नमन हर गीत जन गण मन ।
तिरंगा देश का जिनको , लुभाता जान से ज्यादा -
झुकाते ..माथ हैं ..हम सब,शहीदों को चरण वंदन॥
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आयोजिका सरोज दुबे ने कहा
भारत मां का वीर यहाँ जो ओढ़ तिरंगा आता है।
सातों जन्मो तक उसका
पुनर्जन्म हो जाता है!
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वरिष्ठ उपाध्यक्ष आशा त्यागी एडवोकेट ने पढ़ा...
क्या भरोसा है जिंदगानी का।
बुलबुला जैसे ये इक पानी का।
शीश तेरा झुकने न देंगे माँ ,
हक अदा कर दिया जवानी का।
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नीलम कुमार ने कहा -
एक डोर से बँधी तेरी माँ ,
साँस तुझी से लेती हूँ ।
दिल धक धक करता जो तेरा,
वो धड़कन मैं ही होती हूँ ।
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अंजुला अरोड़ा ने कहा -
कैसे याद ना करें हम
हमारे लिए दी गई तेरी जान की कुर्बानी को।
कैसे भुला दे हम तोहफे में दी तेरी आजादी की निशानी को।
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शालिनी शर्मा ने कहा -
राम नाम के जाप से ही बन जाते सारे काम
बोलो बोलो जय श्री राम।
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चुन्नी रस्तोगी 'मीनाक्षी' ने पढ़ा...
आव्हान करते हम माँ का
आओ विराजो आसन पर
दुःख सबका हर लेती माता
आशीष है सबके ऊपर
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मेरठ के ओझ के हस्ताक्षर संजय जैन 'सत्यम' ने पढ़ा...
रंग भगवा है मेरा!
तन भगवा है मेरा
भानु के प्रकाश का भी
रंग भगवा है जी
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शालिनी मिश्रा जी ने पढ़ा....
आग पानी में न लगाया कीजे
देश को अपने न जलाया कीजे
नफरतों के पौध लगाते क़्यूँ हो
एक दूजे को न सताया कीजे
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मनोज मिश्रा जी ने कहा.....
इसका रखना भान सदा तुम
वीरों की संतान हो
देश कभी ना जीवित रहते
खंडित माँ का मान हो
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पहली बार आई बालिका तनु ने पढ़ा..
मोहे लगी रे लगन हें माँ तेरे नाम की
हो माँ तेरे नाम की मोहे लगी लगन
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नयी बालिका खालिदा ने पढ़ा....
हम भारत माँ की बेटी
हमें अपना फ़र्ज निभाना दुश्मन जो आँख दिखाए दुश्मन को मर भगाना
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अशोक कुमार गुप्ता ने ऑंखें डोनेट करने के बारे में बहुत अच्छी जानकारी दी!
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आरती नई बालिका ने भी अपना काव्य पाठ किया ! अनिल गुप्ता जी व अन्य मन्दिर की पूरी समीति का सानिध्य मिला !
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वरिष्ठ कवयिटक राजबाला ने भी अपना कवय पाठ किया!
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तेजस्वी चौहान, हरीश कुमार, निर्मला आदि भी उपस्थित रहे।संचालन कर्ता व कार्यक्रम की आयोजिका सरोज दुबे रहीं। अंत में अध्यक्षा सुषमा 'सवेरा' ने सभी अतिथियों और कार्यक्रम सहयोगियों का आभार व्यक्त किया !
गोष्ठी सफलतापूर्वक़ संपन्न हुई।

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