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कुपोषण से बचाने के लिए स्तनपान कराये माँ; सिविल सर्जन

, पलवल /विक्रम वशिष्ठ,
स्वास्थ्य विभाग की प्रवक्ता डॉक्टर सुषमा चौधरी ने बताया कि आज दिनांक 26/03/2025 को सिविल अस्पताल के प्रांगण में माननीय सिविल सर्जन डॉ. जय भगवान जाटान की अध्यक्षता में एक बैठक का आयोजन किया गया | माननीय सिविल सर्जन डॉ. जय भगवान जाटान ने बताया की कुपोषण के चलते हुए गर्भवती महिलाएं एनीमिया का शिकार हो रही हैं, तो वहीं बच्चे रक्त की कमी से जूझ रहे हैं | कुपोषण बच्चों की मौत का भी प्रमुख कारण बन रहा है | नवजात बच्चों के कुपोषण का सबसे बड़ा कारण बच्चों को मां द्वारा स्तनपान न कराना समझा जाता है | जिले में कुपोषण के मामले में सबसे भयावह स्थिति हथीन के गावों की है | लेकिन वहां पर अब स्वास्थ्य विभाग द्वारा सभी स्वास्थ्य सेवाएँ पूर्ण रूप से उपलब्ध कराई जा चुकी हैं, और आगे भी हथीन क्षेत्र में जो भी कमीयां पाई जाएगी उन्हें जल्द ही दूर किया जायेगा | खाद एवं पोषाहार बोर्ड तथा महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के अधिकारी भी मानते हैं कि माताएं बच्चों के स्तनपान के मामले में गंभीर नहीं है | अंधविश्वास के चलते आज भी 50 फीसदी से अधिक महिला अपने नवजात बच्चों को जन्म के पहले घंटे में स्तनपान नहीं कराती हैं | जबकि डॉक्टर मानते हैं कि बच्चों के जन्म के पहले घंटे में मां का गाड़ा पीला दूध बच्चों के लिए बहुत उपयोगी है | इसके अलावा 50 फीसदी शहरी व शिक्षित महिलाएं भी अपने बच्चों को स्तनपान नहीं कराती हैं, तथा कुछ बच्चों को पर्याप्त मात्रा में स्तनपान कराने से परहेज करती है | डॉक्टरो का कहना है कि शिशु को स्तनपान कराने से ब्रेस्ट कैंसर का खतरा कम हो जाता है|
माननीय सिविल सर्जन डॉ. जय भगवान जाटान ने बताया की माँ का दूध ही सर्वोतम आहार होता है | क्योंकी जिसमें बच्चे के पोषण के लिए जरूरी तत्व अन्य पोषक पदार्थ उपलब्ध रहते है | माँ का दूध पीने से बच्चे की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढती है | इसलिए छ: माह से कम आयु के बच्चे को बाहरी दूध या अन्य किसी प्रकार का आहार नही देना चाहिए | छ: माह के बाद बच्चे को मौसमी फल और सब्जियाँ दी जानी चाहिए इससे उन्हें पर्याप्त मात्रा में विटामिन मिल सके और उनका पेट भी ठीक रहेगा | बच्चों को फ़ास्ट फ़ूड से दूर रखे और घर में बनाया संतुलित आहार ही दे | इससे भी वे कुपोषण से बचे रहेंगे |

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