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चित्तौड़गढ़ में महिला सहायक वनपाल ट्रेप:7 लाख के बिल की एवज में 14 हजार की रिश्वत मांगी, रेंजर और सहायक वनपाल भी पकड़े जा चुके

एंटी करप्शन ब्यूरो कोटा (स्पेशल टीम) ने चित्तौड़गढ़ में एक और सहायक वनपाल को पकड़ा है। महिला सहायक वनपाल पुष्पा कवर रिवादी से 2 प्रतिशत कमीशन की डिमांड कर रही थी। फर्म की ओर से महिला सहायक वनपाल के क्षेत्र में 7 लाख का काम किया गया था। जिसकी एवज में 14 हजार की रिश्वत की डिमांड की थी। एसीबी की टीम ने रिश्वत लेने के आरोप में अब तक तीन को गिरफ्तार किया है, जिनमें बोराव रेंजर राजेंद्र चौधरी,सहायक वनपाल राजेंद्र मीणा और पुष्पा कंवर शामिल है।एडिशनल एसपी मुकुल शर्मा ने बताया- रिश्वत मांगने के मामले में अब तक तीन को गिरफ्तार किया गया है। तीनों को आज चित्तौड़गढ़ कोर्ट में पेश किया जाना है। चित्तौड़गढ़ में एसीबी की नई कोर्ट खुली है। कोर्ट में ये पहला केस होगा। वही एसीबी की टीम रेंजर राजेंद्र चौधरी,सहायक वनपाल के घरों की तलाशी में जुटी है।चित्तौड़गढ़ में महिला सहायक वनपाल ट्रेप:7 लाख के बिल की एवज में 14 हजार की रिश्वत मांगी, रेंजर और सहायक वनपाल भी पकड़े जा चुके
कोटा1 दिन पहले

एसीबी की टीम ने रिश्वत लेने के आरोप में अबतक तीन को गिरफ्तार किया है।
एसीबी की टीम ने रिश्वत लेने के आरोप में अबतक तीन को गिरफ्तार किया है।
एडिशनल एसपी मुकुल शर्मा ने बताया- रिश्वत मांगने के मामले में अब तक तीन को गिरफ्तार किया गया है। तीनों को आज चित्तौड़गढ़ कोर्ट में पेश किया जाना है। चित्तौड़गढ़ में एसीबी की नई कोर्ट खुली है। कोर्ट में ये पहला केस होगा। वही एसीबी की टीम रेंजर राजेंद्र चौधरी,सहायक वनपाल के घरों की तलाशी में जुटी है।बोराव रेंजर राजेंद्र चौधरी लंबे समय से चितौड़गढ़ में तैनात है।
सबका कमीशन सेट था

बोराव रेंज में तीन अलग-अलग जगहों पर 7-7 लाख के काम हुए थे। कुल 21 लाख के काम के बिल बनाने के एवज में रेंजर 20 प्रतिशत (4.20 लाख) मांग रहा था। जबकि सहायक वनपाल 7-7 लाख के बिल के एवज में 2 प्रतिशत (14-14 हजार) की डिमांड कर रहे थे।

लेबर के बजाय जेसीबी से काम करवाया

बोराव रेंजर राजेंद्र चौधरी लंबे समय से चितौडगढ़ में तैनात है। वो पहले मंगलवाड़, निम्बाहेड़ा रेंज में रह चुका। सूत्रों ने बताया कि रेंजर राजेंद्र चौधरी जहां-जहां पोस्टेड रहे। वहां-वहां जेसीबी से वन क्षेत्र में गड्ढे खुदवाए। इसके विरोध में मजदूर चित्तौडगढ़ कलेक्ट्रेट में धरने पर बैठ गए थे। वन क्षेत्र में गड्ढे खोदने का काम मेन्युअल (मजदूरों) तरीके से होता है। वन क्षेत्र में मशीनें (जेसीबी) अलाव नहीं होती।ये था मामला परिवादी ने बोराव रेंज में ट्रेंच वगड्ढे खोदने का टेंडर लिया था। जिसका काम पूरा कर चुका। परिवादी की फर्म का 21 लाख का भुगतान बकाया था। 31 मार्च तक बकाया भुगतान करने की एवज में सहायक वनपाल राजेंद्र मीणा, रेंजर राजेंद्र चौधरी के लिए 20 प्रतिशत व खुद के लिए दो प्रतिशत कमीशन मांग रहा था। रविवार को सत्यापन के समय 50 हजार ले चुका था।

रिश्वत की रकम लेकर परिवादी को सोमवार को DFO चित्तौड़गढ़ बुलाया। 14-14 हजार के दो पैकेट राजेंद्र मीणा व पुष्पा कवर के नाम के थे। 50 हजार अलग से मांगे। 1 लाख 20 हजार का चैक मांगा। जैसे ही परिवादी ने रिश्वत की रकम दी। एसीबी की टीम ने सहायक वनपाल राजेंद्र मीणा, रेंजर राजेंद्र चौधरी को पकड़ लिया। बाद में सहायक वनपाल पुष्पा कंवर को पकड़ा।
रिपोर्ट = जलेंद्र नाथ (ACIB) स्टेट ऑफिसर पुलिस सेल राजस्थान

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