
सचिवों की अनिश्चितकालीन
हड़ताल,सरकार की वादाखिलाफी पर उबाल
पलारी। छत्तीसगढ़ पंचायत सचिव संघ के आह्वान पर प्रदेशभर में चल रही अनिश्चितकालीन हड़ताल का आज सातवां दिन है। सरकार द्वारा 16 माह पूर्व पंचायत सचिवों के शासकीयकरण का वादा किया गया था, लेकिन अब तक उस पर कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया। इसके विरोध में पलारी ब्लॉक के 97 पंचायत सचिव समेत जिले के 510 सचिव आर-पार की लड़ाई के लिए मैदान में डटे हुए हैं।
पंचायत सचिवों का कहना है कि सरकार बार-बार आश्वासन देती रही, लेकिन अब तक किसी भी मांग पर अमल नहीं किया गया। सचिव संघ का आरोप है कि सरकार "मोदी की गारंटी" की बात कर रही है, लेकिन पंचायत सचिवों के हित में किए गए वादों को पूरा नहीं कर रही। इससे पंचायत सचिवों में जबरदस्त आक्रोश है।
हड़ताल में सचिव संघ के ब्लॉक अध्यक्ष मनीराम यादव, उपाध्यक्ष चूड़ामणी साहू, महिला उपाध्यक्ष लक्ष्मी यादव, सचिव योगेश वर्मा, कोषाध्यक्ष मो. शहमीर खान, संरक्षक नरेंद्र चंद्राकर, दीनदयाल कन्नौजे, राजेश वैष्णव, केहरसिंह ठाकुर, हेमलाल साहू, माखनलाल साहू, घनश्याम आडील, तेजराम प्रजापति, मुकेश टंडन, तुलेश्वर वर्मा, सोमकुमार साहू, घासीराम टंडन, हेम कुमार पटेल, खिलेंद्र चंद्राकर, पुरुषोत्तम वर्मा, रामखेलावन देवांगन, मुकेश चंद्राकर, उमा सांधे, संतोष फेकर, लिलक लहरी, सरिता पैकरा, राजेश्वरी वर्मा, चंद्रावती ध्रुव समेत कई अन्य पंचायत सचिव शामिल रहे।
पंचायत सचिवों की हड़ताल के कारण गांवों में प्रशासनिक कार्य पूरी तरह से ठप हो गए हैं। मनरेगा, पेंशन योजना, राशन कार्ड सत्यापन, पीएम आवास योजना जैसी महत्वपूर्ण योजनाओं पर असर पड़ रहा है। ग्रामीण अपने कामों को लेकर पंचायत कार्यालयों का चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन हड़ताल के कारण किसी भी कार्य का निष्पादन नहीं हो पा रहा है।
पंचायत सचिव संघ ने स्पष्ट कर दिया है कि जब तक सरकार उनके शासकीयकरण की मांग को पूरा नहीं करती, तब तक वे अनिश्चितकालीन हड़ताल पर रहेंगे। संघ के नेताओं ने सरकार से अपील की है कि जल्द से जल्द उनकी मांगों को पूरा किया जाए, अन्यथा वे आंदोलन को और तेज करेंगे।