
श्रम अधिकारों और अन्य मौलिक अधिकारों का उल्लंघन-पूर्व सांसद, सीपीआई नेता और GIEAIA के अध्यक्ष बिनॉय विश्वम
कर्मचारियों को अवकाश पर काम पर आने के लिए मजबूर करना उनके मौलिक अधिकारों का स्पष्ट उल्लंघन
दिल्ली - बीमा कंपनियों से 29 मार्च (शनिवार) से 31 मार्च 2025( सोमवार) तक कार्यालय खुले रखने का आह्वान किया गया है। उन्होंने कहा है कि IRDAI परामर्श में वैधानिकता का अभाव है और PSGI कंपनियों के प्रबंधन द्वारा इस पर इस तरह से कार्रवाई नहीं की जानी चाहिए जो कर्मचारियों के अधिकारों और सेवा शर्तों/श्रम अधिकारों और अन्य मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करती हो। यह निगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट, 1881 के तहत वैधानिक अधिकारों को खत्म नहीं करता है। इसके अलावा, कार्मिक मैनुअल के खंड 14 में यह अनिवार्य है कि शनिवार को काम करने वाले कर्मचारियों को प्रतिपूरक अवकाश और उचित मुआवजा दिया जाना चाहिए, जिसका वर्ष 2023-24 में घोर उल्लंघन किया गया था।
वहीं धार्मिक और सांस्कृतिक संवेदनशीलता का भी सम्मान किया जाना चाहिए-
31 मार्च 2025 ईद-उल-फितर और वर्षा तोड़कू के साथ मेल खाता है, जो विभिन्न क्षेत्रों के कर्मचारियों के लिए महत्वपूर्ण त्योहार हैं।
इसके अलावा, गुड़ी पड़वा, महाराष्ट्र और गोवा में मनाया जाने वाला त्योहार भी 30 मार्च 2025 को पड़ रहा है।
कर्मचारियों को राजपत्रित अवकाश पर काम पर आने के लिए मजबूर करना उनके मौलिक अधिकारों का स्पष्ट उल्लंघन है और पूरी तरह से अस्वीकार्य है। हम इस प्रथा का कड़ा विरोध करते हैं और कर्मचारियों के अधिकारों को बरकरार रखने के लिए इस मामले को राष्ट्रीय स्तर पर एक बड़े मंच पर उठाएंगे।